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Tuesday, September 16, 2025
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Bihar: नीतीश सरकार ने शराब कानून में किया बदलाव, बहुत कम जुर्माना देकर ले जा सकते हैं जब्त वाहन

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पटना

बिहार मद्यनिषेध और आबकारी अधिनियम 2016 में एक और बदलाव करते हुए नीतीश कुमार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को शराब को ले जाने पर जब्त किए गए वाहनों को उनके बीमा कवर के केवल 10 फीसदी के भुगतान पर छोड़ने की अनुमति दे दी है। पहले ऐसा 50 फीसदी के भुगतान के लिए मंजूरी दे दी। राज्य भर के पुलिस थानों में भारी संख्या में वाहनों के जमा हो जाने और भारी जुर्माना के चलते उनको छुड़ाने के लिए उनके मालिकों के नहीं आने से ऐसा करना जरूरी हो गया है।

बीमा कवर का 10% देने पर मिल जाएगा वाहन
अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं से कहा: “मानक न्यायिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद, संबंधित अधिकारियों को अपने बीमा कवर का 10% अधिकतम 5 लाख रुपये तक का भुगतान करके अब कोई भी अपने वाहन को मुक्त करवा सकता है। संशोधित नियमों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।”

राज्य के 800 पुलिस थानों में पड़ी हुई 50,000 से अधिक गाड़ियां
राज्य पुलिस सूत्रों ने कहा कि राज्य के 800 पुलिस थानों में 50,000 से अधिक चारपहिया वाहन धूल फांक रहे हैं। रखरखाव और देखभाल के नहीं होने से वाहनों में जंग लग जाती है या वे खराब हो जाते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा “इनमें से अधिकतर वाहनों का रीसेल वैल्यू उनके जब्ती के समय बीमा कवर के 50% से कम था, ऐसे में मालिक उन्हें छुड़ाना नहीं पसंद करते हैं। अब, जैसा कि मालिकों को उस राशि का केवल पांचवां हिस्सा देना होगा, तब वे अपने वाहनों को छुड़ाने के लिए प्रेरित होंगे।”

नया बदलाव अप्रैल 2022 से बिहार के शराब कानून में किए गए चार प्रमुख परिवर्तनों की सीरीज का अगला कदम है। अप्रैल 2022 में कैबिनेट ने पहली बार ड्रिंक करने वाले को स्पॉट पर ही दो हजार से पांच हजार रुपये देकर छोड़ने को मंजूरी दे दी थी। जबकि पहले इसमें अनिवार्य रूप से जेल भेजा जाता था। यहां तक कि शराब की बरामदगी पर अपराधी के घर को जब्त करने के नियम को भी अब पलट जा सकता है।

इस साल फरवरी में किए गये तीसरे बदलाव में नीतीश सरकार ने जहरीली शराब पीड़ितों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा बहाल कर दिया। भले ही कानून में हमेशा मुआवज़े का प्रावधान किया गया हो, राज्य सरकार ने 2016 के गोपालगंज मामले के बाद से राज्य में जहरीली शराब के पीड़ितों को यह मुआवजा नहीं दिया, जिसमें 19 लोग मारे गए थे।

 

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