अहमदाबाद
बिपरजॉय तूफान के असर पर रिव्यू मीटिंग के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने समीक्षा बैठक रखी थी जिसमें तंत्र को सतर्क करने के लिए अलग-अलग बैठक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सूचनाओं को आदन प्रदान हुआ। अमित शाह ने कहा कि तूफान से कम से कम नुकसान हुआ और सभी ने मिलकर काम किया। उन्होंने इसे टीम वर्क की बेहतरीन मिसाल बताया।
अमित शाह ने कहा, ‘140 किमी की रफ्तार के साथ चक्रवात जब तट से टकराता है और तीसरे दिन इसकी समीक्षा करते हैं तब पता चलता है कि एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है, तब काम करने का संतोष होता है। सबने मिलकर समय पर मिली हुई सूचना का उपयोग जान-माल को बचाने के लिए कैसे हो सकता है, इसका उदाहरण पेश किया है।’
‘सबने मिलकर काम किया’
केंद्रीय मंत्री ने बताया, ‘आज मैं और मुख्यमंत्री, जखाऊ जहां पर बिपरजॉय लैंड किया, वहां विस्थापित लोगों से मुलाकात की। महिलाओं से, किसानों से मुलाकात की। साथ ही बचाव कार्यों में लगे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मियों से बातचीत की। इसके बाद जिला कलेक्टर कच्छ के ऑफिस में हाइब्रिड मोड में हुई मीटिंग में समीक्षा की।
शाह के अनुसार, ‘6 जून को बिपरजॉय का जब समाचार आया तब बहुत सारी आशंकाएं थीं, मगर मैं बहुत संतोष के साथ आज की मीटिंग में कह सकता हूं कि सभी ने मिलकर काम किया और कम से कम नुकसान सुनिश्चित किया।’इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के कच्छ जिले में चक्रवात ‘बिपरजॉय’ से प्रभावित क्षेत्रों का शनिवार को हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने मांडवी शहर के एक अस्पताल में घायल लोगों से मुलाकात की और किसानों व एनडीआरएफ व बीएसएफ के कर्मियों से भी बातचीत की।
जखाऊ का हवाई सर्वेक्षण किया
शाह एक हेलीकॉप्टर से कच्छ जिला मुख्यालय भुज पहुंचे और जखाऊ का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां गुरुवार की रात शक्तिशाली चक्रवात ने कहर बरपाया था। उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी थे।शाह मांडवी उप-जिला अस्पताल पहुंचे और तटीय गांवों से लाए गए घायल लोगों और गर्भवती महिलाओं से मुलाकात की। शाह फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मांडवी के पास एक खेत में पहुंचे और किसानों से बातचीत की।
राहत और बचाव कार्य में शामिल लोगों से मुलाकात
उन्होंने मांडवी हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों से मुलाकात की, जो राहत और बचाव कार्यों में शामिल थे। केंद्रीय गृह मंत्री वापस भुज गए और चक्रवात के बाद की स्थिति पर चर्चा की।
चक्रवात के दौरान चली तेज हवाओं के कारण बिजली के खंभे उखड़ जाने से कई कस्बों और सैकड़ों गांवों की बिजली कट गई। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि 1,09,000 लोगों को तटीय क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया, जिनमें 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक और 1,152 गर्भवती महिलाएं थीं।