भोपाल
मध्यप्रदेश में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ का शुभारंभ किया. भोपाल के रविंद्र भवन में सीखो-कमाओ योजना पोर्टल में युवाओं का रजिस्ट्रेशन प्रारंभ किया गया. खुद मुख्यमंत्री ने पोर्टल में एक युवा का रजिस्ट्रेशन करते हुए इसकी शुरुआत की.
इस योजना के तहत युवाओं को रोजगार दिलाने के साथ ही कौशल भी सिखाया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत 12वीं पास, आईटीआई, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किए हुए सभी युवाओं को कौशल और रोजगार मिलेगा. इसमें काम सीखने के बदले प्रदेश सरकार युवाओं को स्टाइपेंड भी देगी.
700 स्ट्रीम्स में मिलेगी ट्रेनिंग
इस योजना के तहत 700 कार्यों को स्वीकृति दी गई है जिनमें इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रैवल, अस्पताल, रेलवे, आईटीआई, सॉफ्टवेयर, बैंकिग, बीमा, लेखा, चार्टेड अकाउंटेंट, अन्य वित्तीय सेवाओं सहित कई और काम सिखाए जाएंगे. ये काम सीखने के दौरान युवाओं को स्टाइपेंड दिया जाएगा.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं देती, पंख देती है ताकि वो प्रगति और विकास की लंबी उड़ान उड़ सकें. उन्होंने कहा कि युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना बेईमानी है, इसकी बजाय उन्हें काम सिखाया जाए और उसके बदले में पैसा दिया जाए, ताकि उनके लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था हो जाए. इसके अलावा सीएम शिवराज ने कहा कि अब मध्य्प्रदेश में शासकीय नौकरियों में लगातार भर्ती की जाएगी.
ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
योजना के तहत, 12वीं पास युवाओं को 8000 रुपये महीना, आईटीआई किए युवाओं के 8500 रुपया महीना, डिप्लोमा धारकों को 9000 रुपया और इससे अधिक शिक्षा प्राप्त ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को 10,000 रुपये महीना स्टाइपेंड दिया जाएगा. जिन प्रतिष्ठानों में युवा काम करेंगे, उनके और प्रदेश सरकार के बीच ऑनलाइन अनुबंध किया गया है. युवाओं को स्टाइपेंड की राशि उनके बैंक अकाउंट में डीपीटी यानी टायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दी जाएगी.