I.N.D.I.A की घोसी उपचुनाव में एकजुटता, लेफ्ट के सपोर्ट से SP कैंडिडेट का कितना भला?

मऊ/लखनऊ

मऊ की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। पांच सितंबर को यहां वोटिंग होनी है। कांग्रेस और राष्‍ट्रीय लोकदल के बाद अब वाम दलों-सीपीआई, सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) ने भी सपा उम्मीदवार को सुधाकर सिंह को अपना समर्थन दिया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नेताओं का कहना है कि संविधान-देश को बचाने और यूपी में बुलडोजर शासन से छुटकारा पाने के लिए भाजपा को हराने के लिए यह निर्णय जरूरी है। उत्‍तर प्रदेश में वाम दलों का प्रभाव पूरी तरह से खत्‍म हो चुका है। ऐसे में यहां सवाल उठ रहे हैं कि लेफ्ट के समर्थन से सपा उम्‍मीदवार को जीतने में कितनी मदद मिलेगी?

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी सपा आलाकमान को समर्थन का पत्र भेजा है। इससे पहले शनिवार को कांग्रेस ने सपा को समर्थन देने की घोषणा की थी। एक दिन बाद रविवार को वाम दलों ने भी सपा को समर्थन देने का वादा किया। गौरतलब है कि सपा को अब कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), भाकपा, माकपा, भाकपा (एमएल), जदयू और सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी (एसएसपी) का समर्थन प्राप्त है। दूसरी तरफ भाजपा को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) और निषाद पार्टी का समर्थन है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने इस सीट से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि उसने किसी भी उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा भी नहीं की है।

विपक्षी गठबंधन बनने के बाद पहला उपचुनाव
I.N.D.I.A के गठन के बाद होने वाले पहले उपचुनाव में विपक्ष और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। भाजपा ने दारा सिंह चौहान को मैदान में उतारा है और समाजवादी पार्टी ने पूर्व घोसी विधायक सुधाकर सिंह को टिकट दिया है। पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे। उन्‍होंने घोसी सीट से जीत हासिल की थी। विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद वह पिछले महीने फिर से भाजपा में शामिल हो गए, जिससे उपचुनाव कराया जा रहा है। सीपीआई (एमएल) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि 2024 के आम चुनावों से पहले इस उपचुनाव में I.N.D.I.A और एनडीए दोनों गठबंधन आमने-सामने होंगे और इसलिए एनडीए को हराना आवश्यक है। CPI (M) के सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि यूपी में बीजेपी को हराना राज्य के लोगों, लोकतंत्र और संविधान के हित में है।

कभी वामपंथियों का गढ़ माना जाता था मऊ और आजमगढ़
आपको बता दें कि मऊ और आजमगढ़ पट्टी को कभी वामपंथियों का गढ़ माना जाता था। आजादी के बाद इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व जय बहादुर सिंह और झारखंड राय जैसे वामपंथी नेताओं और भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने किया था। अंजान घोसी लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं। भाकपा के राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप ने कहा है कि सपा आलाकमान को समर्थन पत्र भेजा गया है।

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