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कोटा फैक्ट्री में खुदकुशी का विलेन है एजुकेशन लोन, प्रशासन हुआ सख्त, पढ़ाई को लेकर जारी की खास गाइडलाइंस

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कोटा

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार 1 या 2 सितंबर को कोटा में एक उच्च अधिकारियों वाली समिति भेजेगी ताकि कोचिंग हब में छात्रों को हताश करने वाले हालात को समझ सकें। हाल ही में शहर में हुई दो आत्महत्याओं से कोटा अब सभी की नजरों में बना हुआ है। इसी को लेकर प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अगले दो महीनों के लिए नीट, जेईई और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों को नियमित परीक्षाओं में न बैठाएं। कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि ये कदम छात्रों को “मानसिक समर्थन” प्रदान करने के लिए हैं।

आधा दिन पढ़ाई, आधा दिन मौज-मस्ती
शिक्षा हब कोटा में हाल ही में आत्महत्याओं की घटना चिंता का विषय है। सभी संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श को अनिवार्य बनाना शामिल हो सकता है। शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और कमजोर छात्रों के शुरुआती लक्षणों को पहचान सकें। दो दिन के भीतर दो आत्महत्याओं के बाद कुछ और उपाय भी घोषित किए गए। इनमें आत्मघाती प्रवृत्ति वाले छात्रों, अनुपस्थित छात्रों और परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वालों को मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए पहचानना शामिल है। साथ ही, सभी संस्थान बुधवार को आधा दिन अध्ययन और आधा दिन मौज मस्ती के लिए छूट देंगे।

मंत्री ने ‘एजुकेशन लोन’ बताया सबसे बड़ा कारण
मंत्री महेश जोशी ने कोचिंग छात्रों के बीच एजुकेशन लोन को ‘प्रमुख तनाव’ का कारण बताया और केंद्र से एक नीति बनाने का आग्रह किया ताकि माता-पिता को शिक्षा के लिए पैसे उधार न लेना पड़े। पढ़ाई के दबाव के अलावा, कई छात्र इस बात से भी चिंतित हैं कि उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा के लिए पैसे उधार लिए हैं। यदि छात्र असफल हो जाते हैं तो उनके माता-पिता का क्या होगा ? एक अन्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया कि कोटा में कोचिंग संस्थान केवल पैसा इकट्ठा करने में रुचि रखते हैं।

छात्रों के लिए एक विशेष पुलिस स्टेशन का प्रस्ताव
कोटा एसपी शरद चौधरी ने छात्रों के लिए एक विशेष पुलिस स्टेशन का प्रस्ताव रखा। यह योजना तब बनाई गई जब पुलिस ने बिहार के आदर्श राज (18) और महाराष्ट्र के अविशकार संभाजी कासले (17) के शव सौंपे, जिन्होंने रविवार को कथित तौर पर अपनी कम परीक्षा के अंकों से निराश होकर आत्महत्या कर ली।आदर्श के चचेरे भाई ने कहा, ‘वह (आदर्श) यहां अपने चचेरे भाई और बहन के साथ था। हमने उसे मना किया था, लेकिन उसने नहीं सुना। मैंने उसे कोचिंग सेंटर से जाने के लिए कहा था, लेकिन उसने कहा कि वह अपनी परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था।’

स्थानीय अखबारों में सुझाव के लिए विज्ञापन जारी
राज्य सरकार ने सोमवार को स्थानीय अखबारों में विज्ञापन जारी कर लोगों से छात्रों के आत्महत्याओं को रोकने के लिए सुझाव मांगे। ये विज्ञापन सीएम गहलोत की 18 अगस्त को हुई बैठक के बाद आए थे, जब उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए एक पैनल बनाने का फैसला किया था। विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौर ने आत्महत्याओं को राज्य के दिशानिर्देशों को लागू करने में विफलता पर दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि ‘स्पष्ट निर्देश थे कि रविवार को कोई परीक्षा नहीं ली जा सकती थी। ऐसा बताया जाता है कि एक छात्र ने छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी, जो रविवार को एक परीक्षा में उपस्थित हुआ था, लेकिन नियमों की पालना नहीं हो रही।’

हॉस्टल में जाल और पंखों में स्प्रिंग के आदेश जारी
कोचिंग छात्रों के हॉस्टल में लगातार आत्महत्या करने के मामले में हाल ही में नै गाइडलाइन जारी की गई थी। स्टूडेंट की सुरक्षा के लिए पंखे में स्प्रिंग लगाने की लिए कहा गया था और इसी के साथ साथ छात्रावास की बालकनी में लोहे के जाल लगाने के निर्देश भी जारी किए गए थे। सरकार ने सख्ती से इन नियमों की पालना करने की लिए कहा है और जो इसकी पालना नहीं करेगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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