अडानी को झटका, OCCRP के खुलासे से नेटवर्थ में भूचाल, अमीरों की लिस्ट में टॉप-20 से बाहर

नई दिल्ली,

साल 2023 भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के लिए अच्छा साबित नहीं हो रहा है. नए साल की शुरुआत में बीते 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की थी और उसके बाद अडानी ग्रुप को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था.

हिंडनबर्ग का असर अब कम होता नजर आ ही रहा था कि अचानक आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट्स (OCCRP) ने अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ आरोपों की एक नई सीरीज में कई चौंकाने वाले दावे कर दिए और एक बार फिर अडानी के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हो गया. गौतम अडानी की नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) में आई कमी से अरबपतियों की लिस्ट में एक बार फिर अडानी टॉप-20 से बाहर हो गए हैं.

अडानी की नेटवर्थ घटी… 22वें नंबर पर पहुंचे
बात करें गौतम अडानी की ताजा नेटवर्थ के बारे में तो ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, बीते 24 घंटे के भीतर ही उनकी संपत्ति 2.26 अरब डॉलर यानी 18,600 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी दर्ज की गई है. इसके बाद Gautam Adani Net Worth भी कम होकर 61.8 अरब डॉलर रह गई है और अमीरों की लिस्ट (Billionaires List) में खिसककर 22वें पायदान पर आ गए हैं.

बीते दिनों ही उन्होंने कंपनियों के स्टॉक्स में आई तेजी के चलते लंबी छलांग लगाते हुए टॉप-20 में जगह बनाई थी और दुनिया के 18वें सबसे अमीर इंसान बन गए थे. हालांकि, नई रिपोर्ट आने के बाद एकदम से गिरे शेयरों की कीमत में गुरुवार को बढ़त देखने को मिल रहा थी.

OCCRP की रिपोर्ट में क्या?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के करीब आठ महीने के बाद सामने आई OCCRP की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अपारदर्शी’ मॉरीशस फंड के जरिए Adani Group के कुछ पब्लिक कारोबार वाले शेयरों में लाखों डॉलर का निवेश किया गया था. रॉयटर्स की बीते गुरुवार को आई रिपोर्ट को देखें तो नॉन प्रॉफिट मीडिया संगठन ने कहा कि निवेश के तरीके ने अडानी परिवार के कथित व्यापारिक साझेदारों की भागीदारी को ‘अस्पष्ट’ कर दिया है.

ऑफशोर स्ट्रक्चर के जरिए खरीद-बिक्री OCCRP ने कई टैक्स हेवन जोन और आंतरिक कंपनी ईमेल से फाइलों की समीक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इसकी जांच के दौरान उन्हें कम से कम दो मामले मिले, जहां निवेशकों ने ऐसी ऑफशोर स्ट्रक्चर के जरिए अडानी समूह की कंपनियों के स्टॉक को खरीदा और बेचा.

अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को बताया निराधार
आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट्स की रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए हैं, उस पर अडानी ग्रुप ने त्वरित टिप्पणी करते हुए इन्हें सिरे से खारिज कर दिया है. अडानी ग्रुप की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया कि हम इन आरोपों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं. ये रिपोर्ट निराधार है और बल्कि हिंडनबर्ग के आरोपों से दोहराए गए हैं. अडानी समूह ने OCCRP को बताया कि यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अडानी समूह की सभी सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनियां पब्लिक शेयरहोल्डिंग संबंधित विनियमन सहित सभी लागू कानूनों का अनुपालन करती हैं. स्टेटमेंट में ये भी कहा गया कि नई रिपोर्ट में किए गए दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का ये हुआ था असर
अडानी ग्रुप एक बार फिर से नुसकान झेलता नजर आ रहा है, तो फिर यहां साल की शुरुआत में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र करना भी जरूरी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद देखते ही देखते अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर टूटते चले गए थे. कुछ स्टॉक्स में तो दो महीने के भीतर ही 80 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी.

बता दें कि बीते साल 2022 में जहां Gautam Adani का नाम सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अरबपति के तौर पर चमका था और वे Top-10 Billionaires List में दूसरे पायदान तक पहुंच गए थे. लेकिन Hindenburg की रिपोर्ट आने के बाद वे दो महीने के भीतर ही टॉप-30 से भी बाहर हो गए थे. अडानी की संपत्ति में इस साल अब तक 56.7 अरब डॉलर की कमी आई है. हालांकि, पिछले दो महीने से दो महीनों में अडानी के शेयरों में फिर से वापसी होती नजर आ रही थी और इस बीच OCCRP ने नई रिपोर्ट जारी कर दी.

About bheldn

Check Also

बजट में सरकार ने किया था दावा, कितना दम? इस लिस्ट में भारत 13वें नंबर पर मौजूद

नई दिल्ली, इस बार बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने भारत को दुनिया …