20.1 C
London
Sunday, July 6, 2025
Homeराष्ट्रीयपाकपरस्त, अलगवावादी...! आर्टिकल 370 पर सिब्बल जिसके वकील, SC में उन पर...

पाकपरस्त, अलगवावादी…! आर्टिकल 370 पर सिब्बल जिसके वकील, SC में उन पर उठे सवाल

Published on

नई दिल्ली

कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन की साख पर सवाल उठाया है। समूह ने दावा किया कि वह अलगाववादी ताकतों के समर्थक हैं। कश्मीरी पंडित युवाओं का समूह होने का दावा करने वाले ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने शीर्ष अदालत में एक हस्तक्षेप अर्जी दायर कर मामले में कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों और तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने की गुजारिश की है।

अर्जी में आरोप लगाया गया कि जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन को ‘जम्मू कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी ताकतों के समर्थक के रूप में जाना जाता है, जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं।’हस्तक्षेप अर्जी में अपने दावे के समर्थन में मीडिया की कई खबरों का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया, ‘याचिकाकर्ता नंबर एक (मोहम्मद अकबर लोन) 2002 से 2018 तक विधानसभा के सदस्य थे और उन्होंने जम्मू कश्मीर विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए थे।’

अर्जी में कहा गया, ‘उक्त तथ्य के बारे में कई मीडिया संस्थानों ने खबरें दी थीं। इसके बाद उन्होंने न सिर्फ नारे लगाने की बात स्वीकार की, बल्कि पत्रकारों के पूछने पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया। लोन मीडिया को संबोधित करते हुए खुद को भारतीय बताने में भी झिझक रहे थे। इसी तरह अपनी रैलियों में भी वह पाकिस्तान समर्थक भावनाएं फैलाने के लिए जाने जाते हैं।’कश्मीरी पंडितों के समूह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के दो राजनीतिक दल-मोहम्मद अकबर लोन की नैशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) उनमें से हैं, जिन्होंने पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधान को निरस्त करने को चुनौती दी है।

अर्जी में कहा गया, ‘जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के दोनों दलों ने खुले तौर पर अनुच्छेद 370 का समर्थन किया है और किसी भी ऐसी कवायद का जोरदार विरोध किया है जो पूरे संविधान को जम्मू कश्मीर के सभी लोगों पर लागू करता है।’समूह ने कहा कि नैशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के लोन ने अकसर खुले तौर पर पाकिस्तान समर्थक बयान दिए हैं और संभवत: यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश के बाकी हिस्सों के बराबर लाने वाले किसी भी कदम को चुनौती देने के उनके विरोध को दिखाता है।वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल इस मामले में लोन की ओर से पैरवी कर रहे हैं।

सुनवाई चार सितंबर को फिर से शुरू होगी और शीर्ष अदालत ने केंद्र के 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले का बचाव कर रहे प्रतिवादियों से सोमवार को ही अपनी दलीलें समाप्त करने के लिए कहा है।अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को 2019 में एक संविधान पीठ को भेजा गया था। पुनर्गठन अधिनियम के तहत पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।

Latest articles

Women Health Tips:महिलाओं की सेहत के लिए 7 हेल्दी सुपरफूड्स

Women Health Tips:आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान...

Russia Ukraine War: कीव पर 7 घंटे तक हुई बमबारी, ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से की बात, 26 लोग घायल

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 सालों से जंग जारी है और अब...

More like this

आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी कर बचाई 5 वर्षीय बच्चे की जान, खाने की नली...

जयपुरआरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी...

हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज 2 साल में 23% बढ़ा, RBI रिपोर्ट में खुलासा

हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज 2 साल में 23% बढ़ा, RBI रिपोर्ट...