बक्सर
बिहार में शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को एक सप्ताह से भी कम समय में सोमवार को वापस ले लिया। संशोधित कैलेंडर में दिवाली, दुर्गा पूजा और छठ पूजा की छुट्टियों में कटौती की गयी थी जिसे लेकर सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी। सरकार के इस फैसले पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह सरकार फैसला है, सरकार को लगा होगा कि इसपर पुर्नविचार करने की जरूरत है। लेकिन यहां एक बात देखने वाली यह है कि उन छुट्टियों में विश्वकर्मा पूजा है, हमारी परंपरा में विश्वकर्मा महान इंजीनियर माने जाते हैं। उसके लिए स्कूल की एक दिन क्लास बंद कर दी जाए उसका क्या तात्पर्य है। या जन्माष्टमी का मामला है, जन्माष्टमी में बच्चे तो उपवास करते नहीं हैं। हो सकता है एकाध टीचर उपवास करते होंगे। इसका उपाय यह है कि उपवास रखने वाले टीचर को छुट्टी दे दीजिए। सवाल उठता है कि बच्चों की पढ़ाई में कटौती का समर्थन वही आदमी कर सकता है जिसको पढ़ाई लिखाई और छात्रों से कोई मतलब नहीं है। सवाल यह है कि सबकी इच्छा है कि जो कटौती की गई है उसे खत्म किया जाए तो सरकार ने खत्म कर दिया। लेकिन इसपर विचार करने की जरूरत है। अभिभावकों को भी विचार करने की जरूरत है।
शिवानंद तिवारी ने उदयनिधि स्टालिन के बयान पर सनातन धर्म क्या है। उसका प्रतिनिधित्व करने वाले 10 करोड़ देने वाले स्वामी जी हैं। जो गर्दन उतार ले उसे 10 करोड़ देंगे। मैं पूछता हूं कि सनातन धर्म यही सीखा रहा है क्या। सनातन धर्म के जो पैरोकार हैं, वह शोर मचा रहे हैं। सनातन के प्रतिनिधि कह रहे हैं कि उस युवक (उदयनिधि स्टालिन) का सिर काटकर लाने वाले को 10 करोड़ रुपये देंगे, क्या यही सनातन धर्म है। सनातन धर्म में दलितों का क्या स्थान है। आज के दिन भी जो सनातन धर्म का हल्ला करने वाला जो क्षेत्र है। वहां क्या हालात है। जब एक दलित घोड़ा पर चढ़कर जाता है तो उसपर पत्थर चल जाता है। पुलिस को दलितों की बारात को सुरक्षा देनी पड़ती है। IIT जैसे संस्थान में कई दलित छात्र परेशान होकर सुसाइड कर लेते हैं। क्या यही है सनातन धर्म। पटना में पुरी के शंकराचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि हरिजन जन्म से अछूत होते हैं। सनातन धर्म में पिछड़ो की क्या स्थिति है। पुरी के शंकराचार्य ने जो कहा था, जिसपर हम लोगों ने मुकदमा किया था, उस केस में रामविलास पासवान ने गवाही दी थी। मेरा मानना है कि इनके सनातन धर्म का मतलब है मनुवादी और ब्राह्मणवादी जो धर्म है, वही है सनातन धर्म। सनातन में महिलाओं के लिए कहा गया है कि डोली में ससुराल जाएगी और अर्थी पर वहां से निकलेंगी। महिलाओं को लेकर कहा गया कि वह नरक के द्वार हैं। जो तुम्हारा अत्याचार करे, उसे बर्दाश्त करो। इसलिए जो सनातन धर्म को लेकर हल्ला कर रहे हैं उन्हें समझ की कमी है। इस देश की बनावट अलग है। तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में सनातन को मानने वाले द्रविड़ संस्कृति को मानने वाले लोग हैं।
शिवानंद तिवारी ने बीजेपी नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो लोग सनातन धर्म के खुद को प्रतिनिधि मानते हैं वह अर्घ्य में हाथ धोते हैं। इसी से इनकी निष्ठा पता चल रही है। ये लोग सनातन धर्म और फलां धर्म की बातें कर रहे हैं देश की जनता ने आपको इसलिए दिल्ली की सत्ता सौंपी है। जनता ने आपको इसलिए चुना है कि देश में गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी कैसे मिटेगी। जो समाज में गैरबराबरी है वह कैसे घटेगी। ये राजनाथ सिंह समेत तमाम नेता जो सनातन धर्म का झंडा उठाए हैं कि उन्हें इसके लिए नहीं वहां बिठाया गया है।