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Sunday, July 6, 2025
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पवार फैमिली पर सीधा अटैक, अजित- सुप्रिया दोनों को किया टारगेट… कौन हैं BJP की मुश्किल बढ़ाने वाले गोविंद पडलकर

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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों की आयोग्यता पर फैसले के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख को लेकर जहां राजनीतिक सरगर्मी तेज है तो दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक गोविंद पडलकर ने एक मीडिया इंटरव्यू में पवार फैमिली पर बड़ा हमला बोलकर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। अजित पवार को चालक और झूठ बोलने वाले भेड़िये का शावक कहने पर एनसीपी कार्यकर्ता नाराज हैं तो अब इस मामले में बीच बचाव के खुद बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस को आगे आना पड़ा है। उन्होंने पडलकर के बयान को गलत करार दिया है।

1 अक्तूबर, 1982 को जन्में गोपीचंद पडलकर धनगर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वे वर्तमान में बीजेपी के महाराष्ट्र विधानपरिषद् के सदस्य हैं। बीजेपी ने उन्हें बारामती से अजित पवार के सामने चुनाव हार जाने पर एमएलसी बनाया था। गोपीचंद पडलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। वे महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता भी है। इसके चलते अजित पवार को लेकर दिए गए उनके बयान पर एनसीपी नेता और कार्यकर्ता भड़के हुए हैं।

RSP से रखा था कदम
वर्तमान में बीजेपी के विधायक गोपीचंद पडलकर ने अपनी राजनीति की शुरुआत महाराष्ट्र के राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSP) से की थी। इस पार्टी से गोपीचंद पडलकर ने डिस्ट्रिक्ट काउंसिल और तीन बार विधानसभा और एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

चुनाव में नहीं मिली जीत
2014 में गोपीचंद पडलकर ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद Atpadi-Khanapur constituency चुनाव लड़ा था। लेकिन हार का सामन करने के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी और फिर वंचित बहुजन अगाड़ी के टिकट पर सांगली लोकसभा से चुनाव लड़ा था।

बीजेपी में फिर वापसी
लोकसभा चुनाव में गोपीचंद पडलकर ने कड़ी चुनौती देते हुए 3 लाख से अधिक वोट हासिल किए थे। इसके बाद गोपीचंद पडलकर ने एक बार फिर पार्टी बदली थी और फिर अक्टूबर में 2019 बीजेपी में वापसी की थी।

अजित से लिया मोर्चा
बीजेपी ने लौटने के बाद गोपीचंद पडलकर एनसीपी नेता अजित पवार के खिलाफ बारामती विधानसभा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में अजित पवार ने 165,265 वोटों के अंतर से गोपीचंद पडलकर को करारी शिकस्त दी थी। पडलकर सिर्फ 30,376 वोट हासिल कर पाए थे। जो कि कुल पड़े मतों के 13 फीसदी से भी कम वोट थे। इसके बाद बीजेपी गोपीचंद पडलकर को विधान परिषद् भेज दिया था।

डॉक्टरों के गांव से ताल्लुक
गोपीचंद पडलकर सांगली के अटपति तहसील के पडलकरवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। सूखाग्रस्त क्षेत्र में आने वाले इस गांव के 100 परिवारों में 40 डॉक्टर हैं। इसलिए इस गांव को डॉक्टर की हवेली भी कहा जाता है। पडलकर ने 12वीं कक्षा तक शिक्षा हासिल की है। उन्होंने महादेव जानकर की आरएसपी से राजनीति की शुरुआत की थी। जानकर और पडलकर दोनों धनगर समुदाय से आते हैं।

बीजेपी ने बनाया MLC
गोपीचंद पडलकर चुनावी राजनीति में हमेशा हार नसीब हुई लेकिन उनकी अपने समाज में अच्छी पैठ और लोकप्रियता है। इसको देखते हुए बीजेपी ने उन्हें विधान परिषद् में भेजा।

​देते आए हैं विवादित बयान​
पलडकर के अजित पवार पर ताजा बयान से भले ही अब बवाल खड़ा हो गया है लेकिन पूर्व में भी वे विवादित बयान देते आए हैं। उन्होंने एक बार कहा था कि शरद पवार महाराष्ट्र में कोरोना वायरस हैं। शरद पवार के हाथों अहिल्या देवी होल्कर की मूर्ति के अनावरण पर भी उन्होंने काफी हमला बोला था।

एनसीपी आक्रामक, बीजेपी डिफेंसिव
गोपीचंद पडलकर के ताजा बयान से बीजेपी को परेशानी हुई है। अजित पवार से उनकी अदावत पुरानी है लेकिन वर्तमान में अजित पवार सरकार का चेहरा हैं। ऐसे में बीजेपी नेताओं को पडलकर के बयान की आलोचना करनी पड़ रही है।

गोपीचंद्र के क्रेजी फैंस और किस्से
गोपीचंद पडलकर राजनीति में आने से पहले एक्टिंग भी कर चुके हैं। इसके चलते एक बड़ा फैन बेस भी है। कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जो पडलकर पर जान छिड़कते हैं। एक कार्यकर्ता ने कसम खाते हुए चप्पल पहनना बंद कर दिया था और कहा था कि जब पडलकर विधायक बनेंगे तभी चप्पल पहनूंगा। पडलकर जैसे विधायक बने तो उन्होंने चप्पल पहननी शुरू की थी।

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