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Sunday, July 6, 2025
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कमिश्नर चहल कल पेश करेंगे बीएमसी का बजट, चुनावी साल में मुंबईकरों को खुश करने की चुनौती

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मुंबई

दो फरवरी को जब कमिश्नर आईएस चहल बीएमसी का वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगे, तब उन पर मुंबईकरों को बजट के जरिए खुश करने का दबाव रहेगा। क्योंकि वर्ष 2024 में लोकसभा के साथ महाराष्ट्र विधानसभा का भी चुनाव प्रस्तावित है। मुंबई की 6 लोकसभा और 36 विधानसभा सीटों पर बीएमसी बजट का असर देखा जाता है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि बजट मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने, सड़क, पानी, गार्डन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सौंदर्यीकरण व अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने पर केंद्रित होगा।

चुनावी साल में किसी नए टैक्स का बोझ मुंबईकरों पर डालने का रिस्क बीएमसी कमिश्नर लेंगे, इसकी आशंका कम ही है। सूत्रों का कहना है कि बीएमसी के इस बार के बजट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस का असर साफ देखने को मिल सकता है।

बीएमसी की आर्थिक स्थिति संभालने की चुनौती
बीएमसी की खाली तिजोरी में पैसा कहां से आएगा, बजट में इसका प्रावधान करना चहल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि रुके हुए प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए बीएमसी को फिक्स डिपॉजिट से पैसा निकालना पड़ रहा है। वर्ष 2022 में बीएमसी का फिक्स्ड डिपॉजिट 91690 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2023 में लगभग 5000 करोड़ रुपये घटकर 86410 करोड़ रुपये रह गया है। मुंबई में 500 वर्ग फीट तक के घरों का प्रॉपर्टी टैक्स माफ कर दिया गया है, जिससे बीएमसी को हर साल 4500 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।

चहल को बजट में ऐसे प्रावधान करने पड़ेंगे, जिससे बीएमसी के खजाने में अतिरिक्त आय का स्रोत बने। पानी पर टैक्स बढ़ोतरी, प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी जैसी घोषणाओं से राजनीतिक दबाव के कारण चहल पीछे हट गए। ऐसे में इस साल के बजट में वे ऐसे कौन से प्रावधान करते हैं, इस पर मुंबईकरों की नज़र रहेगी।

सौंदर्यीकरण और सफाई पर विशेष फोकस रहने की उम्मीद
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के सौंदर्यीकरण और सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का सपना दिखाया है। इसका असर बजट में देखने को मिल सकता है। बजट में कोस्टल रोड, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, सड़कों की मरम्मत, शिक्षा का स्तर बढ़ाने, मैदानों एवं गॉर्डन की स्थिति सुधारने पर बजट में विशेष प्रावधान होने की उम्मीद है। पानी की पाइपलाइनों की मरम्मत, पुलों की मरम्मत, सीवरेज को बेहतर बनाने के लिए भी घोषणा होने की उम्मीद है।

हॉस्पिटल में बेहतर सुविधा, दवाखाने का विस्तार, टेस्टिंग के लैब बढ़ाने के साथ अस्पतालों के विस्तार एवं आधुनिकीकरण पर बजट में चहल कई पहल कर सकते हैं। कमिश्नर चहल के सामने नई योजनाओं की घोषणा से ज्यादा महत्वपूर्ण वर्षों से लटकी पुरानी योजनाओं को समय पर पूरा करने की रूपरेखा पेश करने की चुनौती है। क्योंकि इन योजनाओं पर बीएमसी के सैड़कों करोड़ रुपये लगे हुए हैं।

7 साल में दो गुना बढ़ा कैपिटल एक्सपेंडिचर
बीएमसी अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा विकास योजनाओं पर खर्च करती है। इसका प्रावधान बजट में किया जाता है। पिछले सात सालों में बीएमसी के बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ कर दो गुने से अधिक हो गया है। कई प्रॉजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए इस साल भी कैपिटल एक्सपेंडिचर में 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि बीएमसी ने बड़े पैमाने पर प्रॉजेक्ट के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया है।

कब-कब कितना बजट
वर्ष 2017-18 के बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर 4978.48 करोड़ रुपये था, जो बजट का 25 प्रतिशत था। इसी तरह वर्ष 2018-19 में 5432.24 करोड़ रुपये (26 प्रतिशत), वर्ष 2019-20 में 7568.70 करोड़ रुपये (29 प्रतिशत), वर्ष 2020-21 में 8237.13 करोड़ रुपये (28 प्रतिशत), वर्ष 2021-22 में 12535.47 करोड़ रुपये (35 प्रतिशत), वर्ष 2022-23 में 20858.87 करोड़ रुपये (48 प्रतिशत) और वर्ष 2023-24 में कैपिटल एक्सपेंडिचर 27247.80 करोड़ रुपये था, जो कुल बजट का 52 प्रतिशत था।

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