नई दिल्ली
झारखंड में नई सरकार और नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी हो गई है. चंपई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इसके अलावा, कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. नई सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा. वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को दो दिन के लिए हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा है. इन विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से भेजा रहा है. इससे पहले चंपई और गठबंधन के नेताओं ने दावा किया था कि वे बुधवार रात 9 बजे राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन गवर्नर शपथ ग्रहण के लिए समय नहीं दे रहे हैं. झारखंड में नए सीएम की कवायद तब शुरू हुई, जब कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. हेमंत ने पहले राजभवन जाकर सीएम पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद ईडी के गिरफ्तार करने वाले मैमो पर साइन किए. हेमंत के ईडी कस्टडी में जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन में शामिल दलों ने चंपई सोरेन को विधायक दल के नेता के रूप में चुना था. इस बीच, हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट में झटका लगा है.
35 विधायक जा रहे हैं हैदराबाद
रांची में सत्तारूढ़ गठबंधन के 35 विधायक हैदराबाद जा रहे हैं. कुछ विधायक हैदराबाद नहीं जा रहे हैं. चूंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय आज झारखंड में प्रवेश कर रही है. ऐसे में पार्टी के कुछ विधायक इस यात्रा में शामिल होंगे. नई सरकार के गठन को लेकर चंपई सोरेन ने राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था. इसमें खुद चंपई सोरेन, कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता का नाम भी शामिल था. ये तीनों नेता भी रांची में ही रुकेंगे. सत्तारूढ़ गठबंधन में जेएमएम के 29 विधायक हैं. कांग्रेस के 17, आरजेडी और लेफ्ट से एक-एक विधायक है.