नई दिल्ली,
गुनहगार को सजा देने के मामले में उत्तर कोरिया कितना क्रूर है, ये हर कोई जानता है. लेकिन यहां कौन से तरीकों से सजा दी जाती है, इस बारे में शायद ज्यादा लोगों को नहीं पता. जो लोग उत्तर कोरिया से भागने की कोशिश करते हैं, उनके लिए किम जोंग उन ने एक ऐसी जगह बनवाई है, जिसे ‘धरती का नरक’ भी कहा जाता है.
ये एक लेबर कैंप हैं. यहां लोगों को भूखा रखकर बहुत टॉर्चर किया जाता है.एक शख्स ने बताया कि उसे यहां 9 महीने तक टॉर्चर किया गया. उसे इतना भूखा रखा कि उसका वजन 35 किलोग्राम रह गया था.उसे ये सजा इसलिए दी गई क्योंकि वो देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा था. उसे लेबर कैंप में भेजा गया. यहां पेड़ों की कटाई के लिए रोजाना पहाड़ों पर चढ़ाई कराई जाती थी.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, शख्स ने कहा कि कटे हुए पेड़ों को पहाड़ी से नीचे फेंक दिया जाता है. जिसके कारण ऊपर की तरफ चढ़ाई करने वाले अन्य कैदियों की या तो मौत हो जाती है या जानलेवा चोट आ जाती है.उसने कहा, ‘उनके अंग चोटिल हो जाते थे और उनके घावों से आंतें बाहर निकल आती थीं. शव वहीं पड़े पड़े सड़ जाते हैं.’जब उसने खुद को विदेशी जासूस बताया, जो कि वो नहीं था, तब उसे कैंप में भेजा गया. उसे डर था कि अगर वो स्वीकार नहीं करेगा, तो और ज्यादा टॉर्चर किया जाएगा.
इस शख्स की कहानी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म Beyond Utopia: Escape from North Korea में बताई गई है. इन लोगों को यहां से भगाने में दक्षिण कोरिया के कुछ लोग मदद करते हैं.ऐसे ही एक शख्स दक्षिण कोरिया के पादरी किम सियोंगुन हैं. वो 24 साल से उत्तर कोरिया के लोगों की भागने में मदद कर रहे हैं.उनका कहना है, ‘मैं इस बारे में चिंता करते हुए थका हुआ महसूस करता हूं. यात्रा का सबसे कठिन हिस्स वो है, जिसमें हमें अवैध रूप से जंगल से होकर गुजरना होता है.’