नई दिल्ली,
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण चुनाव लड़ने से “बच गईं” क्योंकि उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि इस बार लोग उन्हें सबक सिखाएंगे. बता दें कि निर्मला ने कहा था कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं.
एमके स्टालिन ने कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट में निर्मला सीतारमण का नाम नहीं था. क्या आप लोग जानते हैं कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का क्या कारण बताया? वे कहती हैं कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन हम पूछते हैं कि बीजेपी को जो चुनावी चंदा मिला उसका क्या हुआ. क्या उन्होंने (भाजपा) आपसे कहा था कि वे आपको चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं दे सकते.
बता दें कि 27 मार्च को निर्मला सीतारमण ने कहा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं है. उन्होंने कहा था कि एक सप्ताह या 10 दिन तक सोचने के बाद ये कहा कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं.
एमके स्टालिन ने कहा कि किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए लोगों से मिलना होगा और उनके लिए काम करना होगा, लेकिन निर्मला सीतारमण ने ऐसा नहीं किया. स्टालिन ने कहा कि अगर आपको चुनाव लड़ना है, तो आपको लोगों से मिलना होगा और आपको उनके लिए काम करना होगा. आपको लोगों की देखभाल और चिंता करनी होगी. उन्हें (निर्मला सीतारमण) ये अहसास है कि लोग उन्हें चुनाव में सबक सिखाएंगे. इसलिए उन्होंने ये फैसला लिया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने वित्तमंत्री की आलोचना की और कहा कि उन्होंने बाढ़ से प्रभावित लोगों को राज्य सरकार द्वारा दी गई वित्तीय सहायता को भीख कहा था. स्टालिन ने कहा कि वह कम से कम एक बार आएं और लोगों से मिलें, द्रमुक प्रमुख ने अपनी पार्टी के लिए प्रचार करते समय उन्होंने पट्टाली मक्कल काची के संस्थापक एस रामदास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. भाजपा और पीएमके ने हाल ही में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तमिलनाडु में सीट-बंटवारे समझौते को अंतिम रूप दिया था.
स्टालिन ने कहा कि सामाजिक न्याय की बात करने वाले डॉ. रामदास भाजपा के साथ चले गए हैं, जो सामाजिक न्याय के खिलाफ है. भाजपा की विचारधारा पीएमके के बिल्कुल विपरीत है. यहां तक कि पीएमके कार्यकर्ता भी गठबंधन से नाराज हैं. हम सभी जानते हैं कि गठबंधन कैसे बना था, यह कोई बड़ा रहस्य नहीं है.