अब चुनाव बाद महंगाई की मार , वरना आज से जेब होती ढीली, हाइवे टोल पर देते ज्‍यादा पैसा!

नई दिल्ली:

चुनाव के कारण लोगों का एक फायदा हुआ है। वे हाईवे पर ज्‍यादा टोल देने से फिलहाल बच गए हैं। भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने इस बारे में एनएचएआई को एक पत्र का जवाब द‍िया है। इसमें चुनाव आयोग ने एनएचएआई से राजमार्गों पर नई टोल दरों को लोकसभा चुनाव के बाद लागू करने को कहा है। अमूमन देश के ज्यादातर टोल हाईवे पर दरों को एक अप्रैल से बढ़ाया जाता है। लेकिन, चुनाव आयोग ने कहा कि नई दरें लोकसभा चुनाव के बाद ही लागू होनी चाहिए। दस्तावेजों के मुताबिक, ईसीआई ने एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) से टोल चार्ज बढ़ोतरी को टालने के लिए कहा है। ईसीआई ने इस संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के एक पत्र के जवाब में यह बात कही है।

5% बढ़ोतरी का था अनुमान
ऐसा माना जा रहा था कि टोल शुल्क में औसत पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी। एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर में बदलाव के आधार पर हर साल टोल शुल्क में परिवर्तन किया जाता है। देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होंगे। ये एक जून तक चलेंगे। वोटों की गिनती चार जून को होगी।

नेशनल हाईवे नेटवर्क पर लगभग 855 यूजर फी प्लाजा हैं। इन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार, उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाता है। इनमें से लगभग 675 सार्वजनिक वित्त पोषित शुल्क प्लाजा हैं। 180 कंसेशनेयर-ऑपरेटेड टोल प्लाजा हैं।

प‍िछले हफ्ते मांगी गई थी इजाजत
सड़क परिवहन मंत्रालय ने पिछले सप्ताह टोल बढ़ोतरी टालने को लेकर इजाजत मांगी थी। अनुमति मांगे जाने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने सरकार को टोल शुल्क बढ़ोतरी लागू को टालने की अनुमति दे दी है। इसके पहले, एनएचएआई अधिकारियों ने मौखिक रूप से टोल ऑपरेटरों से यूजर फीस में बढ़ोतरी नहीं करने के लिए कहा था। हाईवे ऑपरेटरों को अनौपचारिक निर्देशों पर हाईवे डेवलपर्स संगठन के प्रमुख निकाय नेशनल हाईवे बिल्डर्स फेडरेशन (एनएचबीएफ) ने रविवार को एनएचएआई को पत्र लिखकर औपचारिक अधिसूचना या निर्देश की मांग की थी।

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