गया/औरंगाबाद
सहारा समूह में जिन लोगों का भी पैसा फंसा हुआ है, उनके लिए काम की खबर है। बिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि निवेशकों का पाई-पाई मोदी सरकार वापस करेगी। इस मसले पर काम चल रहा है। देरी को लेकर उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव और कंपनी दोनों में इनवेस्टमेंट को लेकर परेशानी हो रही है, मगर निवेशकों का पैसा लौटाने पर काफी तेजी से काम किया जा रहा है।
सहारा में फंसे पैसे को लेकर अमित शाह ने ये कहा
गया के गुरारू में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अभी कुछ लोग सहारा समूह में लगाए गए पैसे की पेमेंट की बात कर रहे थे। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सहारा के को-ऑपरेटिव में जितने लोगों का इनवेस्टमेंट है, वो सारा इनवेस्टमेंट वापस करने का निर्णय किया है। अभी आपको जो तकलीफ हो रही है, वो इसलिए पड़ रही है कि कुछ तो को-ऑपरेटिव के डिपॉजिटर हैं और कंपनी के हैं। अभी को-ऑपरेटिव का शुरू किया है, 10 हजार तक ही नहीं लेना है, वो जितना पैसा वसूला है, वो सारा दे देना है। आप चिंता मत कीजिए। एक बार सुचारु रूप से 10 हजार तक पेमेंट हो जाए, आगे की पेमेंट की भी शुरुआत हो जाएगी। मोदी जी ने कहा है कि 12 लाख करोड़ रुपए जो घर में डाला है न, पाई-पाई जो गरीबों की लूटकर गए हैं, वो वापस देना पड़ेगा।
10 हजार की लिमिट को बढ़ाने का शाह ने दिया भरोसा
दरअसल, जुलाई 2023 में केंद्र सरकार की ओर से एक पोर्टल लॉन्च किया गया था। जिसके बाद से ही चिटफंड कंपनी सहारा के करोड़ों निवेशकों को फंसे पैसे वापस मिलने की उम्मीद बंध गई। सहारा ग्रुप ने देश के 26 राज्यों के 2 करोड़ 76 लाख छोटे निवेशकों से लगभग 80 हजार करोड़ रुपए जमा किए थे। सहारा ग्रुप के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय समेत कई एजेंसियां 2008 से जांच में लगी हैं। इसी बीच छोटे निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए ने केंद्र सरकार ने सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी का पोर्टल लॉन्च किया है। इसके तहत निवेशकों को अधिकतम 10 हजार रुपए लौटाए जाने की बात कही गई थी। भले ही उन्होंने कितना भी पैसा क्यों न जमा किया हो। इसी की बात को लेकर चुनावी सभा में अमित शाह कह रहे थे।
यूपी-बिहार में एक करोड़ 40 लाख सहारा के निवेशक
पोर्टल लॉन्च करने के वक्त माना गया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का ये कदम मिडिल क्लास के उन वोटरों से जोड़ सकेगा, जिन्होंने सहारा के को-ऑपरेटिवों में निवेश किया है। सहारा के जिन चार को-ऑपरेटिव में लोगों का पैसा हैं वो सहारायन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड है।सहारा के निवेशकों की बात करें तो यूपी में सहारा की इन स्कीमों में पैसा लगाने वालों की तादाद 85 लाख है। इन लोगों ने 22 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसमें बिहार के 55 लाख निवेशक हैं तो झारखंड के 24 लाख इनवेस्टर हैं। 2017-18 से निवेशकों को रिटर्न मिलना बंद हो गया।