तेहरान
इजरायल और ईरान ने बीते कुछ दिन में एक-दूसरे पर हमले किए हैं। दोनों देशों की एक-दूसरे पर मिसाइलों की बारिश के बाद क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। बढ़ती तनातनी के बीच ईरान ने संकेत दिया है कि वह परमाणु बनाने की ओर ध्यान दे सकता है। ईरान का कहना है कि वह परमाणु बम बनाने पर अपने रुख को बदल सकता है। ईरान की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि इजरायल ने उसकी परमाणु सुविधाओं पर हमला किया तो वह भी परमाणु हथियार बना सकता है और इसका इस्तेमाल तेल अवीव से बदला लेने के लिए कर सकता है।
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की ओर से लगातार हमले का डर ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के अफसरों में है। आईआरजीसी के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा है कि ईरान की परमाणु सुविधाओं के खिलाफ हमले की इजरायली धमकियों की वजह से ईरान को अपने परमाणु सिद्धांत की समीक्षा करनी पड़ सकती है। ईरान ने हमेशा कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। ये भी माना जाता है कि ईरान परमाणु शक्ति बनने की दहलीज है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान कम से कम छह महीने में अपनी किसी सीक्रेट जगह पर परमाणु बम बनाने में सक्षम है।
ईरान को क्यों लग रही परमाणु बनाना की जरूरत?
तस्नीम की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के परमाणु स्थलों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार आईआरजीसी के कमांडर अहमद हागतलाब ने कहा है कि तेहरान की परमाणु सुविधाओं के खिलाफ इजरायल की धमकियां घोषित परमाणु नीतियों और विचारों को संशोधित करना संभव बनाती हैं। हगतलाब ने कहा कि उन्नत सुविधाओं और उपकरणों के साथ-साथ ईरान में परमाणु सुविधाओं के फैलाव के माध्यम से हम इजरायल से किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार हैं। आईआरजीसी कमांडर ने चेतावनी दी कि ईरान की परमाणु सुविधाओं पर इजरायली हमले का जवाब इजरायली परमाणु साइटों पर ईरानी हमले से दिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी उंगलियां निर्दिष्ट लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए मजबूत मिसाइलों को दागने के ट्रिगर पर हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खुमैनी ने हाल के सालों में अपने देश के परमाणु कार्यक्रम का तेजी से विस्तार किया है। परमाणु हथियार विशेषज्ञ केल्सी डेवनपोर्ट का कहना है कि ईरान परमाणु हथियारों की दहलीज पर है और अपने इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक तेजी से बम बना सकता है। तेहरान के पास छह महीने में परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त हथियार-ग्रेड यूरेनियम हो सकता है।
डेवनपोर्ट ने अनुमान लगाया है कि ईरान को एक विस्फोटक उपकरण बनाने के लिए एक सप्ताह से भी कम समय की आवश्यकता होगी और वह अपनी ‘गुप्त, अघोषित साइटों’ से सिर्फ एक महीने में पांच या छह विस्फोटक उपकरण बना सकता है। इसमें ईरान के जाग्रोस पर्वत के पास वर्तमान में विकसित की जा रही एक सीक्रेट अंडरग्राउंड लैब भी शामिल है।