पटियाला, संगरूर और जालंधर में अपनों से ही घिरी कांग्रेस, पंजाब की अन्य 5 सीटों पर टिकट बंटवारा टाला

चंडीगढ़,

इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस ने पंजाब की छह लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान किया था. इनमें से चार सीटों पर असंतोष पैदा होने के बाद पार्टी आलाकमान पंजाब की बाकी पांच लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के ऐलान में देरी कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि जिस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 में से आठ सीटें जीतीं और सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया, वह 2024 में टिकटों की घोषणा करने से भी कतरा रही है.

पंजाब के तीन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पटियाला, संगरूर और जालंधर में भयानक असंतोष के कारण कांग्रेस बाकी सीटों पर माथापच्ची में जुटी है. पार्टी ने होशियारपुर और फरीदकोट के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. फरीदकोट से यामिनी गोमर और होशियारपुर से अमरजीत कौर को टिकट मिला है. कांग्रेस असंतोष से बचने के लिए कोई जोखिम नहीं उठा रही थी. आलाकमान को कई आवेदन मिलने के कारण इन दोनों सीटों पर टिकटें रुकी हुई थीं.

कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले, पटियाला लोकसभा क्षेत्र में अंदरूनी कलह ने मौजूदा सांसद परनीत कौर के पार्टी छोड़ने और हाल ही में भाजपा में शामिल होने के बाद हाईकमान को चिंतित कर दिया है. कांग्रेस ने यहां से AAP छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले धर्मवीर गांधी को टिकट दिया है. पार्टी के स्थानीय नेताओं ने गांधी को बाहरी व्यक्ति करार दिया है और कहा है कि उनके साथ विश्वासघात किया गया है. कांग्रेस के करीबी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने राज्य के नेताओं से असंतोष खत्म करने को कहा है.

नवजोत सिद्धू के नेतृत्व वाले खेमे ने खुद को प्रचार से दूर किया
रविवार को हरदयाल सिंह कंबोज सहित असंतुष्ट नेताओं द्वारा आयोजित बैठक में राज्य कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग मौजूद रहे. धर्मवीर गांधी की उम्मीदवारी को जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस के पूर्व विधायक हरदयाल सिंह कंबोज ने खुलेआम कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता परेशान हैं. पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व वाले खेमे ने भी खुद को सक्रिय प्रचार से दूर कर लिया है. क्योंकि सिद्धू लगातार पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पीसीसी अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के नेतृत्व वाले दो गुटों के निशाने पर थे.

कांग्रेस की पंजाब इकाई में असंतुष्टियां केवल पटियाला तक ही सीमित नहीं हैं. जालंधर में पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को टिकट आवंटन ने पार्टी के पूर्व सांसद दिवंगत संतोख सिंह के परिवार को नाराज कर दिया है. उनकी पत्नी करमजीत कौर ने परिवार की 95 साल पुरानी कांग्रेस विरासत का त्याग कर दिया. वह भाजपा में शामिल हो गईं. उन्होंने 2023 में पार्टी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और हार गईं. गौरतलब है कि दिवंगत संतोष चौधरी का परिवार पिछले 95 साल से कांग्रेस से जुड़ा था.

उनके बेटे और फिल्लौर से कांग्रेस विधायक विक्रमजीत भी कांग्रेस आलाकमान और जालंधर से पार्टी उम्मीदवार पंजाब के पूर्व सीएम चिरंजीत सिंह चन्नी के आलोचक हैं. उन्होंने अपनी मां को टिकट नहीं दिए जाने के विरोध में राज्य विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक पद से भी इस्तीफा दे दिया. चरणजीत सिंह चन्नी ने जालंधर में अपने कैम्पेन के दौरान मतदाताओं से कहा, ‘आप मेरे लिए भगवान कृष्ण की तरह हैं और मैं सुदामा के रूप में आपसे वोट मांग रहा हूं.’ इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विक्रमजीत सिंह ने चन्नी से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि एक गरीब सुदामा करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक कैसे हो सकता है.

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