भोपाल:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी है। पार्टी के भरोसे पर खरे उतरने के लिए वह प्राथमिकताओं पर फोकस कर रहे हैं। मोहन यादव खुद मुख्यमंत्री निवास में रहते हैं लेकिन उनके तीनों बच्चे सीएम हाउस में नहीं रहते हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि परिवार पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से जिम्मेदारियां प्रभावित हो सकती हैं। 49 साल के मोहन यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं। उनकी एक बेटी और दो बेटे हैं।
भोपाल में रहकर भी सीएम हाउस से दूर
मोहन यादव ने कहा कि मेरा बच्चा भोपाल में पढ़ रहा है। उसने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब एमएस कर रहा है। अब आप ही बताइए, अगर वह यहां के आवोहवा में रहेगा तो उसकी पढ़ाई हो पाएगी। इसलिए अगर उसे ठीक से पढ़ाई करनी है तो उसे उसी पर ध्यान देना चाहिए। डिग्री मिलने के बाद उसे सोचना है कि क्या करना है।
तुम्हें हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करनी होगी
एमपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले मेरी बेटी भोपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। तब भी मैंने उससे कहा था कि तुम्हें हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करनी होगी। बच्चे भी इससे सहमत हैं। मुझे इस बात की संतुष्टि है कि मेरे परिवार में इस बारे में सकारात्मक सोच है। परिवार के लोगों को भी परेशानी नहीं है।
बेटे की शादी भी अलग जगह पर की
इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं कि हमने अपने बेटे की शादी की। सीएम हाउस में चाहते तो लाखों लोगों को बुला सकते थे। लेकिन हमने भीड़ भाड़ से दूर जाकर सादगी के साथ शादी की। प्रतिमान बनाने के लिए खुद का मन कड़क करना होगा। अगर हम ऐसा करेंगे तो बात नीचे तक उतरेगी।
आप परिवार के प्रति ज्यादा कड़क तो नहीं
मोहन यादव ने कहा कि हम अगर पूरा परिवार को मानेंगे तो हमारी जवाबदारी में घालमेल हो जाएगा। उस भाव को हम बचाकर चल रहे हैं। मोहन यादव ने कहा कि पद जितना बड़ा होता है, उतना ही सावधान रहना चाहिए।गौरतलब है कि मोहन यादव लंबे संघर्ष के बाद यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की थी। वह उज्जैन से आते हैं। शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली तो पार्टी ने उन्हें सीएम की कुर्सी पर बिठाया है।