भोपालः
प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को बैतूल में सभा कर रहे थे। इस दौरान उनका बयान आता है- ‘हम इन्हें दिल्ली ले जा रहे हैं, ये अब वहां काम करेंगे।’ जाहिर है शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें दिल्ली तो जाना ही है। लेकिन शिवराज सिंह चौहान का बयान उसी दिन शाम को आता है। वह एक सभा में कहते हैं- देश में पीएम मोदी और यहां सीएम मोहन यादव काम करेंगे और अब मामा दिल्ली जाएंगे। हम मामा दिल्ली जाएंगे और दिल्ली भी खाली-पीली नहीं जाएंगे। दुबला पतला जरूर हूं, लेकिन काम कराकर छोड़ूंगा। चिंता मत करना।’
शिवराज अपना बयान पूरा करते इससे पहले ही एक कार्यकर्ता कहता है ‘साहब दो पद लाना है आपको। कृषि मंत्री और पंचायत मंत्री।’ फिर शिवराज कहते हैं चुनाव मामा नहीं लड़ रहा है, कौन लड़ रहा है। एक कार्यकर्ता कहता है- चुनाव कौन लड़ रहा है? तो एक कार्यकर्ता जवाब देता है- पीएम नरेंद्र मोदी लड़ रहे हैं। इतने में शिवराज टोकते हुए कहते हैं- नहीं, आप ही चुनाव लड़ रहे हो, आप ही शिवराज हो, आप ही चुनाव लड़ रहे हो। पूरे वीडियों में दो बातें बेहद महत्वपूर्ण हैं। शिवराज कहते हैं— खाली-पीली नहीं जाऊंगा, वहीं कार्यकर्ता कहता है- दो पद लाना है।
शिवराज के मन में क्या?
शिवराज सिंह चौहान का यह बयान इसलिए भी महत्व रखता है क्योंकि वे करीब 18 वर्ष तक चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। करीब 4 महीने पहले ही उनकी जगह डॉ मोहन यादव सीएम बनाए गए हैं। तब से शिवराज हासिये पर दिख रहे थे। लेकिन विदिशा से लोकसभा टिकट मिलने के बाद वे फिर सक्रिय दिखने लगे हैं। चुनाव जीतने के बाद उन्हें क्या जिम्मेदारी मिलेगी? यह तो वक्त ही तय करेगा। लेकिन इस बयान सुनकर लगता है कि शिवराज ‘खाली-पीली’ रहने के मूड में तो बिल्कुल नहीं लग रहे हैं। वे केंद्र सरकार में कोई बड़े पद की लालसा में हैं।
शिवराज क्यों बोले ज्यादा नहीं बोलने की बात
हालांकि वीडियो के अंत में पूर्व सीएम शिवराज की कही गई बात राजनीति में ज्यादा चर्चा का विषय बनी हुई है। वे कहते हैं अब मैं आज ज्यादा नहीं बोलूंगा। जिस दिन जीतकर आऊंगा, उस दिन बोलूंगा। आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान देश के सीनियर बीजेपी नेताओं में शुमार हैं। विदिशा सीट का समृद्ध इतिहास रहा है। यह सीट बीजेपी-जनसंघ का गढ़ है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जैसे दिग्गज नेता यहां से जीत चुके हैं। खुद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बनने से पहले यहां से पांच बार सांसद रहे चुके हैं।