भोपाल
कुछ माह पहले भेल कारखाने के स्विचगियर विभाग के एक प्रबंधक स्तर के अधिकारी भेल कारखाने के प्रवेश द्वार पर अपनी चार पहिया वाहन से कॉपर चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ाए, लेकिन प्रबंधन ने उसके खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर करने के बजाए उसे सस्पेंड कर जांच के लिए जांच कमेटी बैठा दी। जब यह अफसर कॉपर चोरी के मामले में रंगे हाथों पकड़ाए तो इसके चाहने वाले अफसर तब से ही इसे बचाने में लग गए। एफआईआर तो हुई नहीं अब जांच कमेटी कि उस अफसर पर मेहरबानी की चर्चाएं आम हो गई हैं। मामला कुछ इस तरह है जब सीआईएसएफ कारखाने के ब्लॉक नंबर 4 स्टोर की जांच की तो वहां भी काफी हेराफेरी मिली है।
चर्चा है कि पिछली चोरी की घटनाओं में या तो कर्मचारी पकड़ाया है या फिर ठेका श्रमिक लेकिन इस मामले में एक भेल का अफसर पकड़ाया है इसको लेकर कारखाने में हड़कंप मचा हुआ है। खास बात यह है कि मैनेजर स्तर के अफसर को बचाने के लिए भेल के कुछ अधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंचे भी थे। सवाल ये उठ रहा है कि क्या इस अधिकारी को भेल प्रबंधन प्रभावशाली होने के कारण बचाने की कोशिश रहा है या फ़िर निष्पक्ष कार्रवाई करेगा।