कोलकाता
चक्रवाती तूफान रेमल बस कुछ ही घंटों में पश्चिम बंगाल में कहर बरपाने वाला है। मौसम विभाग की माने तो तूफान अगले चार घंटे में लैंडफॉल करेगा। इसके बाद 110 से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी और जोरदार बारिश होगी। प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे प्राधिकरण ने लंबी दूरी की कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। लेकिन, क्या चक्रवाती तूफान रेमल की शक्ति खड़ी ट्रेन को भी विस्थापित करने में सक्षम है? ऐसी संभावना के चलते शालीमार स्टेशन के यार्ड में लंबी दूरी की ट्रेनों के पहियों को पटरी से उतरने से बचाने के लिए लाइन से बांध दिया गया है। साथ ही ट्रेन के पहियों में ब्लॉक भी लगे हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
135 किमी प्रति घंटा से चलेगी हवा
अलीपुर मौसम विभाग के मुताबिक, लैंडफॉल के दौरान इस चक्रवात की गति 135 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। सवाल यह है कि क्या रेमल रुकी हुई ट्रेन के पहिए चला पाती है? हालांकि इस बारे में दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है। जिन ट्रेनों को बिना इंजन के 24 घंटे से ज्यादा समय तक ट्रैक पर रखना पड़ता है। उन्हें इसी तरह से लॉक किया जाता है। रेमल तूफान के चलते तेज हवा चल सकती है। नतीजा यह होता है कि अगर किसी तरह ट्रेन के पहिए घूम जाएं तो उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है और कोई भी दुर्घटना हो सकती है। इसीलिए इसे सुरक्षा के लिए इस तरह जंजीर से बांधा जाता है।
#WATCH | Cyclone 'Remal' | Howrah, West Bengal: As a precautionary measure, trains at the Shalimar railway station were tied to the railway track with the help of chains and locks to keep the trains from sliding away due to strong winds. pic.twitter.com/3PQtlCO4KT
— ANI (@ANI) May 26, 2024
किन जिलों में जारी है बारिश?
दरअसल रेमल तूफान के कारण कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली में लगातार बारिश हो रही है। दक्षिण बंगाल में रविवार और सोमवार को मौसम गंभीर रहेगा। तटीय क्षेत्रों के मिट्टी के घरों में रहने वाले लाखों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। इस बीच सुंदरबन के निवासी चिंतित हैं। चक्रवात से निपटने के लिए तटीय जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
सुंदरबन के लोगों में डर सुंदरबन के निवासियों ने अतीत में अम्फान, आइला, बुलबुल जैसे चक्रवात देखे हैं। इनसे वहां बहुत नुकसान हुआ है। नदी का बांध तोड़कर खारा पानी कृषि भूमि में घुस गया है। ऐसे में स्थानीय निवासी एक नए चक्रवात के नाम से कांप रहे हैं। चक्रवात की शुरुआत से पहले हसनाबाद में इचामती नदी का तटबंध ढह गया। इसकी मरम्मत के लिए गांव के लोग जुट गए हैं। बताया जाता है कि अंगनारा में करीब 50 फीट का बांध टूट गया। प्रशासन भी काफी सक्रिय है। जिले में कंट्रोल रूम खोले गए हैं। कोलकाता नगर पालिका और लालबाजार की ओर से 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष भी खोला गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद पूरी स्थिति पर नजर रख रही हैं।