18.8 C
London
Sunday, July 6, 2025
Homeराज्यजल-जीवन मिशन घोटाले में ED की बड़ी कार्यवाही, ठेकेदार पदमचंद जैन हिरासत...

जल-जीवन मिशन घोटाले में ED की बड़ी कार्यवाही, ठेकेदार पदमचंद जैन हिरासत में, अब होंगे कई खुलासे

Published on

जयपुर

प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना को लागू करने में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन जांच के सिलसिले में एक नई गिरफ्तारी की है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के संचालक पदमचंद जैन को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जैन को शुक्रवार को जयपुर में एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया और वहां से 18 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।

एजेंसी का दावा- पदम जैन मुख्य आरोपियों में से एक
केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए जल जीवन मिशन (जेजेएम) का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान में राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य आभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। जांच एजेंसी ने इससे पहले साल की शुरुआत में पीयूष जैन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने दावा किया है कि पदम जैन मुख्य आरोपियों में से एक है और उसे अपनी कंपनी में अपराध की आय प्राप्त होती है। ईडी ने कहा कि अपराध से अर्जित आय को उसके नाम, संस्थाओं और उसके परिवार के सदस्यों के नाम खोले गये कई बैंक खातों के माध्यम से हस्तांतरित किया गया था, जिसे चल और अचल संपत्तियों में निवेश किया गया।

सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का मामला
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें आरोप लगाया गया था कि पदमचंद जैन, महेश मित्तल (श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के संचालक), पीयूष जैन और अन्य लोग सार्वजनिक स्वास्थ्य और आभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) से विभिन्न निविदाओं की प्राप्ति के संबंध में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने में शामिल थे। एजेंसी ने पहले जारी एक बयान में आरोप लगाया कि संदिग्ध अपने ठेकों/अनुबंधों में उपयोग करने के लिए हरियाणा से ‘चोरी’ का सामान खरीदने में भी शामिल थे और उन्होंने पीएचईडी के अनुबंध प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इरकॉन के ‘फर्जी’ कार्य समापन पत्र भी जमा किए थे।

अब तक 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
ईडी ने दावा किया था कि कई बिचौलियों और प्रॉपर्टी डीलर ने जल जीवन मिशन से धन का गबन करने में राजस्थान सरकार के पीएचईडी के अधिकारियों की मदद की थी। ईडी ने जांच के सिलसिले में जयपुर और दौसा में पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और आईएएस अधिकारी और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित विभिन्न परिसरों की तलाशी ली। मामले में अब तक 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।

Latest articles

Women Health Tips:महिलाओं की सेहत के लिए 7 हेल्दी सुपरफूड्स

Women Health Tips:आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान...

Russia Ukraine War: कीव पर 7 घंटे तक हुई बमबारी, ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से की बात, 26 लोग घायल

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 सालों से जंग जारी है और अब...

More like this

MP OBC Reservation Update: सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख राज्य सरकार से पूछा- 13% पद क्यों रोके

MP OBC Reservation Update:मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण...