नई दिल्ली,
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और ममता सरकार में जंग लगातार जारी है. दोनों के बीच अब एक और मामले को लेकर ठन गई है. दरअसल, राज्यपाल ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को हटाने की सिफारिश करके तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोल दिया है.
बिना अनुमति कंट्रोल रूम बनाने का आरोप
पार्टी सूत्रों ने कहा कि हालांकि, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार राज्यपाल की मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में राज्यपाल बोस ने पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल को हटाने की सिफारिश की. राज्यपाल के अनुसार, कोलकाता पुलिस ने राजभवन के पास कंट्रोल रूम जैसा एक ऑफिस बनाया जिसके लिए उन्होंने राज्यपाल के ऑफिस से कोई अनुमति नहीं ली.
राज्यपाल को संदेह है कि राज्य सरकार राजभवन पर खास तौर पर निगरानी रख रही है. इसी तरह का आरोप बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी लगाया था, जो अब भारत के उपराष्ट्रपति हैं.
क्या बोली राज्य सरकार?
हालांकि, सूत्रों की मानें तो टीएमसी सरकार का मानना है कि यह एक रेगुलर स्टेट पुलिस ऑफिस है जो पिछले राज्यपालों के लिए भी वहां रहा है. सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के मुताबिक, पुलिस कार्यालय राज्यपाल की सुरक्षा के लिए है. राज्यपाल बोस और राज्य सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं. हाल ही में, नवनिर्वाचित विधायक सयंतिका बनर्जी और रयात हुसैन सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में धरना शुरू किया, जिसमें मांग की गई कि राज्यपाल बोस उन्हें विधानसभा के अंदर शपथ लेने दें, न कि राजभवन के अंदर.
सीएम और राज्यपाल में छिड़ी है ‘जंग’
राज्यपाल बोस ने भी ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था क्योंकि ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि राजभवन के अंदर महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. मुख्यमंत्री का बयान राजभवन की एक महिला संविदा कर्मचारी द्वारा कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 24 अप्रैल और मई को राज्यपाल बोस ने अपने घर पर उसके साथ छेड़छाड़ की थी.