हाथरस भगदड़: सत्संग के आयोजकों पर एक्शन की तैयारी, IG बोले- सभी पर दर्ज होगी FIR

हाथरस,

हाथरस में मची भगदड़ में 137 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बड़ी संख्या में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद अब पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. आईजी शलभ माथुर ने जानकारी देते हुए बताया कि सत्संमेंग आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि अभी तक हमारे पास 116 मृतकों की पुष्टि हुई है. कुछ घायल भी हैं जिनका इलाज चल रहा है. शवों का पोस्टमार्टम अलग-अलग जगहों पर किया जा रहा है. एफआईआर दर्ज की जा रही है. जो भी धाराएं होंगी, उसके तहत केस दर्ज हो रहा है. जो आयोजक हैं, जिन्होंने परमिशन ली है आयोजन की, उनके खिलाफ एफआईआर हो रही है. हाईलेवल जांच के आदेश कर दिए गए हैं.

उधर, इस घटना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. स्थानीय आयोजकों ने भोले बाबा का कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक मंच से उतर रहे थे तो अचानक भक्तों की भीड़ उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहीं यह दुर्घटना हो गई। इस पूरे मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में एक टीम बनाई है और उनसे विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी वहीं कैंप कर रहे हैं। राज्य सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण, ये तीनों ही मौके पर हैं.”

शवों की व्यवस्था में जुटे सिपाही की हार्ट अटैक से मौत
रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से मृत लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. हादसे में क्विक रिस्पांस टीम (QRT) की ड्यूटी में तैनात सिपाही रवि यादव की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मिली जानकारी के अनुसार, रवि यादव की ड्यूटी मृतकों के शव की व्यवस्था करने में लगी थी. एकसाथ ज्यादा शव देखने के बाद रवि यादव को हार्ट अटैक आ गया और उनकी मृत्यु हो गई.

प्रशासन की कमजोरी से हादसा
आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने  कहा कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था. कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई. ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. मैं भंडारे का काम देख रहा था. उन्होंने बताया कि हाथरस में ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ है.

उन्होंने कहा कि हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी. 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है. प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी. जहां इंतजाम किए गए थे, वहां बहुत भीड़ थी. कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे. हमने इतने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे. एंबुलेंस नहीं थी. कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने लगे और भगदड़ मची. बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे थे.

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