24 साल पहले प्रवचन से शुरुआत, अब भव्य आश्रम, अकूत दौलत, कमांडो फोर्स… जानिए सूरजपाल कैसे बना नारायण हरि? ​​

दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग में मची भगदड़ में मौत का खेल हुआ। आस्था व विश्वास की डोर जोड़ने आए 121 से अधिक लोगों की सांस की डोर अव्यवस्था, भगदड़ और अराजकता की धार से कट गई। खुद को ईश्वर का सेवादार बताने वाले जिन शख्स को सुनने लोग आए थे, वह भगदड़ से कुछ देर पहले तक मंच से चमत्कार और करतबों के दावे कर रहे थे।

यौन शोषण में गया जेल, फिर लिया VRS​
एटा के बहादुरपुर के रहने वाले सूरजपाल जाटव उर्फ नारायण साकार हरि ने प्रवचन कार्यक्रमों के दौरान मंचों से दावा किया है कि वह न्यायालय, इंटलिजेंस ब्यूरों कई जगह नौकरी कर चुके हैं। 14 साल उनकी नौकरी बची थी। लेकिन, परमात्मा ने उनके शरीर को दूसरे कार्य में लगा दिया। हालांकि, पुलिस के अनुसार तीन भाइयों में सबसे बड़े सूरजपाल एटा में यौन शोषण के आरोप में जेल काट चुके हैं। सस्पेंड और बर्खास्त भी हुए थे। अदालत से नौकरी फिर मिल गई, लेकिन साल 1999-2000 के आस-पास VRS ले लिया।

​ईश्वर से भेंट के दावे और गांव से प्रवचन की शुरुआत​
नौकरी छोड़ने के बाद सूरजपाल अपने गांव बहादुरपुर पहुंचे तो उन्होंने ईश्वर से सीधे बात करने का दावा किया। इसके बाद घूम-घूमकर प्रवचन देने लगे। गांवों, कस्बों में धीरे-धीरे असर बढ़ा। अनुयायियों की संख्या बढ़ी तो बाबा के रसूख का भी विस्तार हो गया और वह खुद को साकार नारायण हरि बताने लगे। भक्तों में सूरजपाल भोले बाबा के नाम से चर्चित हैं। बहादुरपुर में लगभग 30 बीघे में बाबा का आश्रम है, जिसे उनके अनुयायियों ने बनवाया है। इसमें अनुयायियों के लिए लंबा चौड़ा विश्राम गृह भी है।

​नारायण हरि के आलीशान आश्रम​
आगरा, फर्रुखाबाद, मैनपुरी सहित कई जगहों पर नारायण हरि के आलीशान आश्रम हैं, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। मैनपुरी के बिछवां में सूरजपाल का 20 बीघे में शानदार आश्रम है। ज्यादातर समय वह यहीं रहते हैं। यूपी के अलावा राजस्थान के भरतपुर, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश के ग्वालियर आदि में अक्सर उनके कार्यक्रम होते रहते हैं। यूपी में आगरा, फर्रुखाबाद, एटा, मथुरा और इटावा आदि शहरों में हर महीने के पहले मंगलवार को मानव मंगल मिलन के नाम पर कार्यक्रमों का सिलसिला चलता है। इसमें लाखों की भीड़ जुटती है।

जिंदगी बदलने की कहानियां खूब वायरल​
नारायण साकार हरि मंच से संदेश तो मानवता का देते हैं, लेकिन मंच से चमत्कार के दावे भी कम नहीं होते। मंगलवार को हाथरस में जब उन्होंने प्रवचन के बाद अनुयायियों से संवाद किया तो एक समर्थक ने ‘कालिया नाग’ होने का दावा किया। नारायण हरि ने उसको शांत किया तो भीड़ तालियां बजाने लगी। एक भक्त के हवाले से उन्होंने जल्द नई सृष्टि के निर्मित होने का भी दावा किया। यू-ट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर नारायण हरि के समर्थकों के कई चैनल बने हुए हैं, जिसमें चमत्कारों के किस्से हैं। भजन, प्रवचन और कीर्तन के बीच जिंदगी बदलने की कहानियां खूब वायरल हैं।

कमांडो, लग्जरी गाड़ी और सेवा के दावे​
थ्री पीस सूट और गोल्डन रंग की घड़ी सूरजपाल की पहचान है। खुद को सेवादार और साधारण इंसान बताने वाले प्रवचनकर्ता आलीशान जीवन जीते हैं। मंच पर उनके साथ एक महिला बैठती हैं, जिनको समर्थक माता कहकर पुकारते हैं। कभी-कभी वह भी प्रवचन करती हैं। सूरजपाल लग्जरी गाड़ियों में ही चलते हैं। सिंकदराराऊ में भी वह मंगलवार को 10 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे थे। हर जगह उनकी सुरक्षा के लिए निजी कमांडो रहते हैं। अलग-अलग कार्यक्रमों में सेवादार के रूप में यही व्यवस्था से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी संभालते हैं। महिलाएं गुलाबी साड़ी और कैप में और पुरुष सफेद या खाकी वर्दी में लाठी-डंडे लेकर तैनात रहते हैं। मंगलवार को काले कपड़ों में भी सेवादार लगे थे, जो खुद को ‘नोएडा कमांडो फोर्स’ बता रहे थे।

चौखट चूमते, नल से अमृत पीते अनुयायी
आम तौर पर हर महीने के पहले मंगलवार को कार्यक्रम की वजह भी वह अपने समर्थकों को बताते हैं। उनका कहना है कि सब तक पहुंचना संभव नहीं है और लोग इसका दुरुपयोग न करें, इसलिए कार्यक्रम कम कर दिया है। इन दावों का असर भी खूब दिखता है। आश्रमों में अनुयायी पहुंचते हैं, चौखट चूमते हैं। वहां लगे नल के पानी को ‘अमृत’ बनाकर घर ले जाते हैं। आगरा में नारायण हरि जहां डेढ़ दशक पहले रहते थे, अब वह आलीशान घर में बदल चुका है। वहां कोई रहता नहीं, लेकिन रोज सुबह महिलाएं पहुंचती हैं, झाड़ू लगाती हैं, चौखट चूमती हैं और पानी भरकर ले जाती हैं। अब भी कई समर्थक जिसमें पीड़ित भी शामिल है, वे हाथरस में हुई घटना के लिए सूरजपाल को जिम्मेदार नहीं मानते हैं।

​नेता, अफसर, कर्मचारी… सब बाबा के दरबारी​
समर्थकों के हुजूम और रसूख ने सिर्फ अनुयायियों के बीच ही बाबा का रुतबा नहीं बढ़ाया, बल्कि नेता, अफसर और कर्मचारी भी बाबा के दरबारी बनते रहे। मंगलवार को हाथरस में हुए कार्यक्रम के आयोजकों की सूची में कई सरकारी कर्मचारियों के नाम हैं। बसपा सरकार में बाबा को पुलिस स्कॉट मिला हुआ था। पिछले साल एक कार्यक्रम में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद थे। उसमें वह बाबा के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ की तारीफ के साथ चमत्कारों का संयोग बताते नजर आ रहे हैं। भरतपुर से कांग्रेस की सांसद संजना जाटव का सोशल मीडिया पेज भी नारायण साकार हरि के दरबार में मत्था टेकने की तस्वीरों से गुलजार है।

हाथरस की जगह इटावा में होना था कार्यक्रम
सिंकदरराऊ में हुआ कार्यक्रम पहले इटावा में होना था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। इसी महीने 14 जुलाई को सूरजपाल का जन्मदिन है। समर्थक इसे प्राकट्य दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार आगरा के सोनारी में जन्मदिन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसके अलावा इसी मैदान में 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के लिए भी सूरजपाल और उनके समर्थकों के जुटने का कार्यक्रम है। हालांकि, हाथरस की घटना के बाद इसके होने की संभावना न के बराबर है।

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