आगरा
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का आगरा से गहरा नाता है। सत्संग की शुरुआत उन्होंने आगरा से की थी। आगरा में बाबा के सबसे ज्यादा अनुयायी हैं। जानकारी के अनुसार 1998 में पुलिस महकमे से रिजाइन देने के बाद सूरजपाल भोले बाबा बन गए। इसके बाद उन्होंने अपना नाम नारायन साकार हरि कर लिया। इसके बाद वह घर पर सत्संग करने लगे। साल 1999 में बाबा के घर में रहने वाली एक बच्ची की मौत हो गई थी, जिसकी बॉडी को बाबा ने दो दिन तक अपने घर में रखा। बच्ची को जिंदा करने के लिए बाबा श्मशान घाट मलका चबूतरा ले गए, उनके साथ सैकड़ों लोगों की भीड़ पहुंच गई। जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो पुलिस ने बल प्रयोग करके भीड़ को खदेड़ा। इस घटनाक्रम में बाबा के खिलाफ थाना शाहगंज में केस दर्ज हुआ। बाबा को पुलिस कस्टडी में रखा गया।
हाथरस सत्संग में मची भगदड़ से 100 से अधिक लोगों की मौत की खबर आ चुकी है। बुधवार दोपहर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का जायजा लिया है। उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों से बातचीत भी की है। सीएम योगी ने इस पूरे घटनाक्रम की रिटायर जज से न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए हैं। सीएम योगी ने पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद का भरोसा जताया है।
1998 में छोड़ी थी पुलिस की नौकरी
शाहगंज के केदार नगर में भोले बाबा का पुराना मकान है, जिसमें वह 24 साल पहले रहा करते थे। पड़ोस में रहने वाले साबिर चौधरी ने बताया कि सूरज पाल नाम के व्यक्ति उनके पड़ोस में रहता था। तब वह पुलिस में नौकरी करता था। साबिर ने बताया कि 1998 में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने अपनी नौकरी से रिजाइन कर दिया। इसके बाद वह भोले बाबा बन गए। इसके बाद रोजाना लोगों की भीड़ बाबा के घर पर आने लगी।
श्मशान में जुट गई भीड़
आगरा में भोले बाबा के पड़ोसी साबिर चौधरी ने बताया कि बाबा की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने एक बच्ची को गोद लिया था। साल 1999 में बीमारी के चलते उस बच्ची की मौत हो गई। दो दिन तक बाबा ने बच्ची के शव को अपने घर के अंदर ही रखा। मगर उनके अनुयाई बच्ची को जिंदा करने की मांग करने लगे। इस पर बाबा बच्ची के शव को श्मशान घाट मलका चबूतरा शाहगंज लेकर पहुंच गए। जब लोगों को पता चला कि बाबा मृत बच्ची को जिंदा कर रहे हैं तो लोगों की भीड़ जुट गई। सैकड़ों की तादाद में श्मशान में भीड़ एकत्रित हो गई। एक बच्ची को सांप ने काट लिया था, उसका परिवार अपनी बच्ची को लेकर पहुंच गया। वह भी अपनी बच्ची को जिंदा करने की मांग करने लगी।
कस्टड़ी में लिए गए थे बाबा
पुलिस को जब इसकी जानकारी हुई तो थाना पुलिस मौके पर भीड़ को हटाने लगी। इस पर बाबा के अनुयायियों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने भीड़ को खदेड़कर बच्ची का अंतिम संस्कार किया और भोले बाबा को पुलिस अरेस्ट करके थाना शाहगंज ले आई। इस दौरान पुलिस ने भोले बाबा पर कई धाराओं में केस भी दर्ज किया था। मगर वह थाने से ही छोड़ दिए गए।