लखनऊ,
हाथरस भगदड़ हादसे में पुलिस ने आयोजन समिति से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख रुपए का इनाम रखा है. समिति के एक सदस्य ने बताया कि मधुकर और स्थानीय पुलिस को घटना से एक दिन पहले संभावित कुप्रबंधन के बारे में सतर्क किया गया था.
‘एक दिन पहले किया था आगाह’
समिति के सदस्यों में से एक पप्पू यादव को रोड सेवा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. पप्पू यादव ने दुर्घटना से एक दिन पहले मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर और स्थानीय पुलिस को उचित पार्किंग सुविधा नहीं होने के कारण कुप्रबंधन को लेकर सचेत किया था.
चश्मदीदों का कहना है कि सड़क गाड़ियों से खचाखच भरी हुई थी, जिससे बाहर निकलने का रास्ता संकरा हो गया था जो दुर्घटना का एक कारण बना. आजतक से बात करते हुए पप्पू यादव ने कहा, ‘मैंने रोड सेवा करने से इनकार कर दिया क्योंकि उनके पास पार्किंग की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी और कई गाड़ियों के आने की वजह से यह अराजकता पैदा हुई.’
पुलिस ने भी नहीं दिया ध्यान
उन्होंने कहा, ‘घटना से एक दिन पहले जब मैं स्थिति का जायजा लेने पहुंचा तो मुझे समस्या का एहसास हुआ. मैंने देव प्रकाश मधुकर को बताया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. मैंने स्थानीय पुलिस से भी एक सड़क को ब्लॉक करने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया.’
पप्पू यादव का कहना है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी बदल दी थी क्योंकि वह जानते थे कि कुप्रबंधन होगा. उनका कहना है कि जो कमेटी मेंबर छुप रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. उन्हें मीडिया या पुलिस के सामने आना चाहिए.
‘इस बार बचाया नहीं, मारा गया’
उन्होंने कहा कि ऐसा हंगामा पहली बार नहीं हुआ है. अलीगढ़ में गुरु पूर्णिमा के दिन भी नारायण साकार हरि के सत्संग के दौरान ऐसी ही घटना हुई थी. महिलाएं गिर गई थीं, लेकिन सेवादारों ने उनकी मदद की और हादसा टल गया. लेकिन इस बार कोई सेवादार बचाने नहीं आया. पप्पू यादव ने कहा, ‘इस बार तो बचाया नहीं गया, इस बार मारा गया.’