असम बाढ़ में मरने वालों की संख्या 52 हुई, 29 जिलों में 21 लाख लोग प्रभावित, संकट में काजीरंगा के वन्यजीव

नई दिल्ली,

देश के पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ से बुरा हाल है. दूर-दूर तक.. जहां तक नजर जाए बस पानी ही पानी है. यहां ये फर्क करना मुश्किल है कि नदी का दूसरा किनारा कहां है और गांव की सरहद किधर है. सड़क, रास्ते, पगडंडियां सब सैलाब में डूब चुकी हैं. असम के बराकघाटी में मॉनूसन आफत बनकर बरस रहा है. तेज बारिश के चलते बराकघाटी के सभी नदियां उफान पर हैं. बराक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. लोगों के लिए आने जाने का साधन बस नाव ही है.

सिलचर जिले के ज्यादातर स्कूल-कॉलेज अब राहत केंद्र बन चुके हैं, जहां बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोग यहां आकर रह रहे हैं. असम के नागांव, मोरीगांव जिलों का भी यही हाल है. मॉनसून की बारिश ने असम के 29 जिलों में सैलाब का संकट ला दिया है. शहरी इलाकों में भी बारिश की वजह से जलजमाव की परेशानी बढ़ रही है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जलजमाव वाले इलाकों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालात अब काबू में हैं और राहत बचाव के काम तेजी से हो रहे हैं.

बाढ़ से मरने वालों की संख्या अब तक 52
असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या अब तक 52 पहुंच गई है और 29 जिलों के 21.13 लाख लोग इससे प्रभावित है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के आंकड़ों के मुताबिक, 29 जिलों में कुल 21,13,204 लोग प्रभावित हुए हैं और 57,018 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में धुबरी पहले नंबर पर है, जहां 6,48,806 लोग प्रभावित हैं. वहीं, दारांग में 1,90,261 लोग, कछार में 1,45,926 लोग, बारपेटा में 1,31,041 लोग और गोलाघाट में 1,08,594 लोग प्रभावित हैं. फिलहाल 39,338 प्रभावित लोग 698 राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं जबकि 7,24,322 गैर-शिविर निवासियों को राहत सामग्री वितरित की गई है. इसके अलावा विभिन्न एजेंसियों ने नावों का उपयोग करके 1,000 से अधिक लोगों और 635 जानवरों को निकाला है.

बाढ़ की चपेट में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, 31 जानवरों की मौत
प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में हाल के सालों में सबसे भीषण बाढ़ के कारण अब तक कुल 31 जानवरों की डूबने से मौत हो गई है, जबकि 82 अन्य को बाढ़ के पानी से बचा लिया गया है. जानवरों की मौत में पार्क में डूबने से 23 हॉग हिरण और इलाज के दौरान 15 की मौत शामिल है. वन अधिकारियों ने 73 हॉग हिरण, दो ऊदबिलाव, दो सांभर हिरण, एक स्कॉप्स उल्लू, एक गैंडे का बछड़ा, एक भारतीय खरगोश और एक जंगली बिल्ली को बचाया. अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में 20 जानवरों का इलाज चल रहा है, जबकि 31 अन्य को इलाज के बाद छोड़ दिया गया है.

अरुणाचल प्रदेश का भी बुरा हाल
असम के साथ अरुणाचल प्रदेश का भी बारिश से बुरा हाल है. भारत चीन सीमा पर बसे अंजॉ जिले का संपर्क बाकी दुनिया से कट चुका है. तेजू से हवई जाने वाली सड़कों को बड़ा नुकसान पहुंचा है. करीब 150 मीटर तक की सड़क बह चुकी है. रास्ते में फंसे लगे जान जोखिम में डाल कर आगे बढ़ रहे हैं. अरुणाचल में कई जगहों पर लैंडस्लाइड से बिजली सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने सड़क बहाल होने तक हेलिकॉप्टर सेवा की मांग की है. वहीं, जरूरी सेवाओं को लेकर प्रशासन ने आपात बैठक बुलाई है ताकि लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके.

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