चंडीगढ़:
पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को लुधियाना में हिंदू कार्यकर्ता और शिवसेना (पंजाब) के नेता संदीप थापर पर जानलेवा हमला करने वाले दो निहंगों को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने अरेस्ट किए गए अपराधियों के खिलाफ धारा 109, 3 (5), 115 (2), 304 और 132 लगाई है। वहीं अस्पताल में भर्ती संदीप थापर की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
दरअसल शुक्रवार को दिन-दहाड़े चार अज्ञात हमलावरों ने संदीप थापर पर हमला उस समय किया गया, जब वह संवेदना ट्रस्ट के संस्थापक-अध्यक्ष रविंदर अरोड़ा की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद सिविल अस्पताल के निकट स्थित ट्रस्ट के कार्यालय से बाहर निकल रहे थे। संवेदना ट्रस्ट मरीजों को निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा और शव वाहन उपलब्ध कराता है।
हमलावरों से हाथ जोड़कर बात करते दिखे थापर
घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कथित वीडियो में निहंग की वेशभूषा में आए हमलावरों ने थापर पर उस समय हमला किया जब वह स्कूटर पर थे और उनके पीछे उनका सुरक्षाकर्मी बैठा हुआ था। वीडियो में थापर हमलावरों से हाथ जोड़कर बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अचानक उनमें से एक व्यक्ति उन पर तलवार से हमला कर देता है। घटना के वक्त राहगीरों को मौके पर खड़े हुए देखा जा सकता है।
थापर की हालत नाजुक
वीडियो में एक अन्य हमलावर थापर के सुरक्षाकर्मी को धक्का देकर दूर ले जाता हुआ दिखाई दे रहा है। थापर के गिरने के बाद तीसरे हमलावर ने भी तलवार से हमला करना शुरू कर दिया। बाद में दो आरोपी थापर के स्कूटर पर बैठकर भाग गए। पुलिस ने बताया कि सिर में चोट लगने के कारण थापर को तुरंत नागरिक अस्पताल ले जाया गया। बाद में उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
बीजेपी ने पंजाब सरकार से मांगा इस्तीफा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हमले की निंदा की और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की। भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव अनिल सरीन ने कहा कि मान न केवल राज्य के मुख्यमंत्री हैं, बल्कि उनके पास गृह विभाग भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पंजाब में आई है तब से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
लोगों में असुरक्षा की भावना
बीजेपी नेता ने दावा किया कि हत्या व डकैती के मामलों और गैंगस्टरों की गतिविधियों में वृद्धि हुई है। नतीजतन, लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। सरीन ने कहा कि पंजाब सरकार कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर ‘पूरी तरह विफल’ साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हालात में मुख्यमंत्री को ऐसी घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।