भारत-रूस दोस्ती, पीएम मोदी और वाजपेयी की तस्वीर का क्यों हो रहा है जिक्र

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार रूस पहुंच गए हैं। इस यात्रा के दौरान वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मीटिंग करेंगे। पांच साल में मोदी की रूस की पहली और उनके तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है। इससे पहले वह 2019 में रूस गए थे, जहां उन्होंने एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था। पीएम मोदी की रूस यात्रा के बीच उनकी एक पुरानी तस्वीर सामने आती है। यह तस्वीर उस वक्त की है जब नरेंद्र मोदी पहली बार मॉस्को की यात्रा की। नरेंद्र मोदी की रूस की पहली यात्रा 6 नवंबर, 2001 को हुई थी, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए वह मॉस्को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पहुंचे थे।

2001 में नरेंद्र मोदी की पहली रूस यात्रा
मोदी आर्काइव की ओर से शेयर की गईं तस्वीरों में से एक में नरेंद्र मोदी को वाजपेयी और पुतिन के साथ एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए देखा जा सकता है। पीएम मोदी ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2001 की अपनी रूस यात्रा को याद किया, जब वे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले थे। मोदी ने एक्स पर चार तस्वीरें साझा कीं, जिनमें से दो 2001 की यात्रा की और दो 2019 यात्रा की हैं।

दोस्ती के दरवाजे खुल गए
इससे पहले, मोदी ने कहा कि मुझे 2001 में पहली बार राष्ट्रपति पुतिन से मिलने का अवसर मिला था। मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मॉस्को आया था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और यह हमारी पहली मुलाकात थी। हालांकि पुतिन ने मुझे ऐसा महसूस नहीं कराया कि मैं कम महत्वपूर्ण हूं। एक छोटे राज्य से हूं या मैं नया हूं। उन्होंने मेरे साथ मित्रवत व्यवहार किया। इससे दोस्ती के दरवाजे खुल गए। हमने न केवल अपने राज्यों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की बल्कि विभिन्न मुद्दों, अपने शौक, वैश्विक मुद्दों पर बात की।

रूस-यूक्रेन जंग के बाद मोदी की पहली यात्रा
पीएम मोदी ने कहा कि पुतिन बातचीत करने के लिए बहुत ही दिलचस्प व्यक्ति हैं और मैं मानता हूं कि हमारे बीच बहुत ही ज्ञानवर्धक बातचीत हुई है। मोदी की 2019 के बाद से पहली रूस यात्रा है और फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद पहली यात्रा है। 9 जुलाई को रूस में अपने कार्यक्रम समाप्त करने के बाद, पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे, जो 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की उस देश की पहली यात्रा होगी। मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

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