क्या गुजरात में फिर चौंकाने जा रही है BJP? नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की चर्चा के बीच कोली-ठाकोर समाज

अहमदाबाद

गुजरात में लंबे समय से राजनीतिक फेरबदल की अटकलें लग रही हैं लेकिन बीजेपी ने कभी इन अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ऐसे में जब राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है तब चर्चा है कि अगर बीजेपी सरकार के नेतृत्व में किसी प्रकार का बदलाव करना चाहती है तो इसके संकेत प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही साफ हो जाएंगे। इस सब के बीच राज्य में एक बार फिर जातिवाद का राजनीति गरमाती दिख रही है। कुछ दिन पहले कांग्रेस से बीजेपी में गए कुंवरजी बावलिया को मुख्यमंत्री बनाने मांग उनके समर्थकों और समाज के लोगों द्वारा की गई थी। बावलिया कोली समाज से आते हैं। कोली समाज की मांग के बाद ठाकोर समाज मैदान में आ गया है। ठाकोर समाज ने अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।

पटेल तीसरे पाटीदार सीएम
गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अभी भूपेंद्र भाई पटेल विराजमान है। उन्होंने राज्य में मृदु और मक्कम मुख्यमंत्री की अपनी छवि बनाई है। बीजेपी की तरफ नेतृत्व परिवर्तन को कोई साफ संकेत नहीं दिए गए है लेकिन कोली समाज के बाद अब ठाकोर समाज की मांग ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। राज्य में बीजेपी के लंबे शासन में कुछ समय के लिए केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री रहे थे। वह पाटीदार समाज से आते थे। उनक बाद राज्य की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली थी। वह 13 सालों तक राज्य के सीएम रहे। नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं। उनके बाद राज्य की कमान आनंदीबेन पटेल को मिली थी। वह पाटीदार समुदाय से आती है। इसके बाद विजय रुपाणी मुख्यमंत्री बने थे। वह जैन बनिया परिवार में जन्मे थे। इसके बाद राज्य में कमान भूपेंद्र पटेल को मिली थी। भूपेंद्र पटेल गुजरात के प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आते हैं।

ठाकोर समाज ने उठाई मांग
कोली समाज ने मांग की थी कैबिनेट मंत्री कुंवरजी बावलिया को मुख्यमंत्री बनाया जाए। अब ठाकोर समाज ने समुदाय के किसी नेता को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। समाज की दलील है कि गुजरात में ठाकोर समुदाय की आबादी 34 फीसदी है। हर विधानसभा सीट पर 30 से 50 हजार वोटिंग होती है। ठाकोर समाज की दलील है कि कोली समुदाय के लोग सिर्फ 4 से 6 फीसदी वोटिंग करते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ठाकोर समाज का होना चाहिए। ठाकोर समाज का आरोप है कि वर्तमान कैबिनेट में ठाकोर समुदाय से एक भी मंत्री नहीं है। ऐसे में ठाकोर समाज के अध्यक्ष ने मांग की है कि अल्पेश ठाकोर, लविंगजी ठाकोर, केसाजी चौहान ठाकोर, दिलीपजी ठाकोर समेत चुवालिया ठाकोर समाज के नेताओं में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। कोली समाज के बाद जिस तरह ठाकोर समाज ने मांग उठाई है ऐसे में कोई और समाज अपनी मांग को बुलंद कर सकता है।

क्या आने वाला है बड़ा तूफान?
2022 गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दूसरी बार शपथ ग्रहण की थी। तब से लेकर राज्य के मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। लंबे समय से मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार की अटकलें लगती रही हैं लेकिन अब जब राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा हो रही है तब सरकार में भी बदलाव की मांगों से राजनीति गलियारों की गर्मी बढ़ा दी है। ऐसे में चर्चा हो रही है कि क्या पंचायत चुनावों से पहले राज्य में बीजेपी कोई नई सोशल इंजीनियरिंग बैठाने जा रही है क्योंकि लोकसभा चुनावों रुपाला मुद्दे पर पार्टी का क्षत्रियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक हलकों में समाज की तरफ सामने आई मांगों को प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा माना जा रहा है ताकि मंत्रिमंडल में फेरबदल होने पर समाज के नेताओं को शामिल किया जाए।

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