दार्जिलिंग,
जम्मू-कश्मीर के डोडा में शनिवार रात घने जंगलों के बीच अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के चार जवान- कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और अजय शहीद हो गए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का एक जवान भी इस मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हो गया. 26 वर्षीय आर्मी ऑफिसर बृजेश थापा दार्जिलिंग के बड़ा गिंग बाजार के रहने वाले थे.
बृजेश थापा अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2019 में आर्मी में कमीशंड हुए थे. दो साल के लिए उनकी तैनाती 10 राष्ट्रीय राइफल्स में हुई थी. इस बहादुर सैन्य अधिकारी के शहीद होने की खबर जब आयी तो दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शोक की लहर दौड़ गई. कैप्टन बृजेश थापा की मां निलिमा थापा ने कहा, ’15 जनवरी को मेरे बेटे का जन्मदिन था. 15 जनवरी को ही आर्मी डे होता है. मेरा बेटा आर्मी की ड्यूटी करते हुए देश के लिए समर्पित हो गया.’
बेटे के साथ हुई आखिरी मुलाकात को याद करते हुए निलिमा थापा ने कहा, ‘बृजेश मार्च में घर आया था. इसी महीने आने वाला था. वह हमेशा खुश रहता था. रविवार को उससे अंतिम बार बात हुई थी. सरकार हमेशा कोशिश करती है कि आतंकवाद को रोके. जवान तो कभी डरते नहीं हैं. ठीक है… ये उनकी ड्यूटी का हिस्सा है. 26 साल का था मेरा बेटा. देश के लिए हमेशा कुछ करना चाहता था. उसको सादा खाना ही पसंद था. पहले हलवा खाता था. लेकिन बाद में कहा कि मोटा हो जाऊंगा. इसलिए मीठा खाना छोड़ दिया.’