नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों में गिरावट के बाद पार्टी में अभी तक मंथन का दौर जारी है। अब RSS की तरफ से भी बीजेपी के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया आई है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर से जब बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पब्लिक सुप्रीम है और सभी को जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
सुनील आंबेकर द्वारा यह बयान रांची में तीन दिवसी प्रांत प्रचार मीटिंग के आखिरी दिन दिया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सुप्रीम है। यही लोकतंत्र है। सभी सियासी दल चुनाव के दौरान जनता के बीच अपना मैसेज लेकर जाते हैं और लोग इन संदेशों के आधार पर अपना फैसला लेते हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने अपना फैसला सुना दिया है और सभी कि इसका सम्मान करना चाहिए।
‘चुनावी कार्य में हिस्सा नहीं लेता RSS’
सुनील आंबेकर ने इस दौरान कहा कि RSS किसी भी चुनावी कार्य में हिस्सा नहीं लेता लेकिन पब्लिक ओपिनियन को आकार देना का काम करता है।
RSS के नेटवर्क को बढ़ाने पर चल रहा मंथन!
आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा का चुनाव होना है। RSS की इस मीटिंग में संगठन के नेटवर्क के विस्तार को आकार देने वाली रणनीतियों पर चर्चा हुई। सूत्रों ने पहले संकेत दिए थे कि मीटिंग में चर्चा के दौरान ये विधानसभा चुनावों में RSS सदस्यों द्वारा बीजेपी को अधिक सक्रियता से मदद करने की संभावना पर चर्चा का मुद्दा उठ सकता है। हालांकि इसको लेकर सवाल के जवाब में सुनील आंबेकर ने कहा कि ये बातें खुलकर नहीं बताई जाती हैं।
RSS के एक नेता ने बताया कि इस टॉपिक पर केरल में अगस्त – सितंबर में होने वाली समन्वय बैठक में चर्चा हो सकती है। सनील आंबेकर से जब जेपी नड्डा के बयान (बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं) को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “संघ लगातार पब्लिक ओपिनियन बनाने का काम करता है और सीधे चुनाव के कार्यों में नहीं लगता है और वो काम इस बार भी किया है।”
संघ की इस मीटिंग में RSS के ट्रेनिंग कैंप्स का रिव्यू और संघ के शताब्दी वर्ष को लेकर योजनाओं पर भी चर्चा हुई। सुनील आंबेकर ने कहा कि बड़ी संख्या में युवाओं ने संघ ज्वॉइन करने की अपनी इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि RSS ने साल 2012 में ‘ज्वॉइन आरएसएस’ अभियान के तहत ऑनलाइन मीडिया शुरू किया था, जिसके तहत हर साल करीब 1.25 लाख लोग ऑनलाइन विभिन्न गतिविधियों से जुड़ते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल जून के अंत तक 66,529 लोगों ने संघ से जुड़ने की इच्छा जताई है।
उन्होंने कहा कि अगले साल विजयदशमी 2025 पर जब संघ अपने सौ साल परे करेगा… उन्होंने कहा कि संघ का टारगेट है कि सभी ग्रामीण डिविजन और अर्बन इलाकों में विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा, “मार्च 2024 तक, देश के 58,981 मंडलों में से 36,823 मंडलों में डायरेक्ट ब्रांच है। इसी तरह 23,649 अर्बन सेटलमेंट्स में से संघ 14,645 में काम कर रहा है। बाकियों में सप्ताहिक या मासिक संपर्क होता है।”