नई दिल्ली
विवादों से घिरी नीट यूजी परीक्षा 2024 पर कल यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 18 जुलाई के लिए अपलोड की गई सूची के अनुसार चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इनमें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की याचिका भी शामिल है, जिसमें उसने विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को नीट-यूजी 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी थी।
इन याचिकाओं में नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं व पेपर लीक की जांच करने, परीक्षा रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उसे नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं की जांच में हुई प्रगति पर एक रिपोर्ट सौंपी है।
सु्प्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह दाखिल एक अतिरिक्त हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण किया है, जिसमें न तो इस बात के संकेत मिले हैं कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है और न ही ऐसा सामने आया है कि स्थानीय अभ्यर्थियों के किसी समूह को फायदा पहुंचा और उन्होंने अप्रत्याशित अंक हासिल किए।
वहीं एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा है कि विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक प्रतीत नहीं होता है, जो अंकों के वितरण को प्रभावित करता नजर आता है। उसने हलफनामे में प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और उसके वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारी दी। पांच मई को 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।