नई दिल्ली
नीट यूजी 2024 विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई जारी है। याचिकाकार्ताओं ने एक नया हलफनामा दायर किया है जिसमें कई सवाल पूछे गए हैं। उनकी मांग है कि परीक्षा दोबारा कारवाई जाए इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है।याचिकाकर्ताओं-छात्रों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि पेपर लीक 4 मई को हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा कि NTA ने भी पेपर लीक की बात मानी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राजकोट के एक सेंटर से 85 प्रतिशत अभ्यर्थी 700 से ज़्यादा नंबर आए हैं, यह पेपर लीक की ओर पुख्ता इशारा है।
सुनवाई जारी, एक एक पॉइंट पर कोर्ट के सवाल
सुनवाई के दौरान एनटीए के वकील सॉलिसिटर जनरल ने माना कि देश भर के आठ केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बांट दिए गए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि यह पेपर भी बाकि पेपर्स की तरह कठिन थे इसलिए एनटीए ने छात्रों परीक्षा देने दी।
वकील हुड्डा ने कहा कि एनटीए ने पेपर लीक होने और वॉट्सऐप के ज़रिए लीक हुए प्रश्नपत्रों के प्रसार की बात स्वीकार की है। इस बीच, एनटीए ने माना कि आठ केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के वितरण में गड़बड़ी हुई थी। NTA ने कहा कि आठ केंद्रों ने गलत बुकलेट (केनरा बैंक का पेपर) बांट दिया था। एनटीए के वकील ने कहा कि दोनों सेट के पेपर (एसबीआई और कैनरा बैंक) का कठिनाई स्तर एक जैसा था इसलिए बच्चों को इम्तेहान देने दिया गया था।सीजेआई ने आगे कहा, “हमारे पास अभी तक कोई भी ऐसा मटेरियल नहीं है जो यह दिखाए कि लीक इतना व्यापक था और पूरे देश में फैल गया था।”
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने NTA से चार सवाल पूछे। अदालत ने पूछा-
1. केनरा बैंक के पेपर कितने केंद्रों पर वितरित किए गए?
2. उन केंद्रों में से कितने केंद्रों पर सही प्रश्न पुस्तिकाएं (एसबीआई पेपर) बदली गईं?
3. केनरा बैंक के पेपर के लिए कितने केंद्रों पर पेपर का मूल्यांकन किया गया?
4. केनरा बैंक के पेपर का मूल्यांकन होने के बाद, उम्मीदवारों का प्रदर्शन कैसा रहा?