सरकारी अस्पताल में डॉक्टर ने आधे कपड़े उतारे और दारू के नशे में कर दिया ‘कांड’!

सीतामढ़ी

सूबे में शराबबंदी है। बंद हुए वर्षों बीत गए, लेकिन धरातल पर बंदी पूरी तरह सफल नहीं है। आज भी आपको आस पास के कई लोग पीए हुए मिल सकते हैं। लेकिन नशा करने में सरकारी सेवक भी पीछे नहीं हैं। वो सेवक जो नशा न करने की सरकारी शपथ तक ले चुके हैं। बराबर किसी न किसी साहब या कर्मी का नशे वाला चेहरा उजागर होता रहा है। इस बीच, जिले के एक पीएचसी प्रभारी के नशे में होने की बात उजागर हुई है। साहब के नशे में होने और सरकारी परिसर में हंगामा करने की बात किसी और ने नहीं, बल्कि खुद अंचल अधिकारी यानी सीओ ने कही है।

नशे में हंगामा करना महंगा पड़ा
पीएचसी प्रभारी का नशे में धुत होकर हंगामा करना उन्हें बड़ा महंगा पड़ा है। उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि जो कारनामा कर रहे हैं, वह उनके लिए घातक सिद्ध होगा और हुई भी वही। उनकी इस करतूत को स्थानीय सीओ ने बर्दाश्त नहीं किया। जैसे ही सुबह हुई, सीओ ने रात वाले कांड के लिए दोषी पीएचसी प्रभारी के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी। महाशय को शराब पीकर बवाल काटना भारी पड़ गया।

पीएचसी प्रभारी ने अपने आधे कपड़े उतार दिए थे
यह घटना जिले के बोखड़ा प्रखंड का है। इसी प्रखंड में प्रखंड सह अंचल कार्यालय का एक ही बड़ा भवन है। जहां सरकारी आवास में अधिकारी और कर्मी रहते भी हैं। उसी के समीप पीएचसी भी है। 25 जुलाई की रात करीब 10:30 बजे पता चला कि पीएचसी प्रभारी संतोष कुमार रंजन प्रखंड सह अंचल कार्यालय के परिसर में नशे में हंगामा कर रहे थे। किसी ने इसकी सूचना सीओ वागीशा प्रियदर्शी को दी। उन्होंने पाया कि वास्तव में सूचना सच है। सीओ ने यह भी पाया कि नशे में धुत पीएचसी प्रभारी अर्धनग्न अवस्था में हंगामा कर रहे हैं। साथ ही गाली गलौच भी कर रहे हैं।

नशे में सीओ को भी नही बख्शा
सीओ ने पीएचसी प्रभारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी है कि वह प्रखंड स्तरीय विधि वायवस्था समिति की सदस्य भी है। इस नाते पीएचसी प्रभारी को समझाने उनके पास पहुंची, तो नशे में धुत इस अधिकारी ने उनके प्रति भी अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। प्रभारी नशे में किस हद तक थे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सीओ को जान मारने तक की धमकी दे डाली।

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