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Sunday, July 6, 2025
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सड़क हादसों में आएगी कमी… दिल्ली बस ड्राइवरों पर लागू होंगे नए नियम, परिवहन मंत्री ने की घोषणा

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नई दिल्ली

बसों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और राहगीरों के साथ-साथ बस यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार कुछ नए और सख्त कदम उठाने जा रही है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बस ड्राइवरों के लिए नई नियमावली लागू करने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ नए एहतियाती कदम उठाने की घोषणा की। पिछले दिनों कुछ बस हादसे हुए थे, जिन पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने यह पहल की। 29 जुलाई को परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन उपायों को मंजूरी दी गई थी। ये नए नियम डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की बसें चला रहे सभी ड्राइवरों (कॉन्ट्रैक्चुअल और परमानेंट) पर लागू होंगे।

आधार बेस्ड ड्यूटी एलोकेशन
डीटीसी और डिम्ट्स के जितने भी ड्राइवर हैं, उन सबकी आधार बेस्ड ड्यूटी लगाई गई। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर डिवेलप किया जा रहा है, जिसकी मदद से आधार बेस्ड ड्यूटी एलोकेशन सिस्टम लागू किया जाएगा, ताकि कोई भी ड्राइवर डबल शिफ्ट न कर सके। इसके लिए सभी ड्राइवरों का एक यूनिफाइड डेटाबेस भी बनाया जा रहा है, जिसका एक्सेस सभी डिपो मैनेजरों के पास होगा। अगर किसी ड्राइवर ने एक शिफ्ट कर ली है, तो वह अपने आप दूसरी शिफ्ट के लिए प्रतिबंधित हो जाएगा और उसकी डबल ड्यूटी नहीं लगाई जा सकेगी।

चेहरे से होगी ड्राइवरों की पहचान
प्रत्येक डिपो में बायोमैट्रिक फेस रिकग्निशन सिस्टम इंस्टॉल किया जाएगा। इसके लिए टेंडर नोटिस जारी किया जा चुका है। जब भी कोई ड्राइवर ड्यूटी के लिए आएगा, तो यह सिस्टम ड्राइवर के चेहरे से उसकी पहचान करके यह सुनिश्चित करेगा कि वह डबल ड्यूटी न कर सके। अगर इसके बाद भी किसी ड्राइवर के डबल ड्यूटी करने की शिकायत मिलती है, तो इसके लिए डिपो मैनेजर को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

सिम्युलेटर पर होगी ट्रेनिंग
डीटीसी और क्लस्टर बसों के कई ड्राइवर दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं और उनके पास अन्य राज्यों से जारी हैवी व्हीकल चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस है। अभी ऐसे ड्राइवरों को इंडक्ट करने से पहले उन्हें डीटीसी के नंद नगरी स्थित ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन अब दिल्ली सरकार की बसें चलाने के लिए जरूरी स्किल्स पर आधारित ड्राइविंग सिम्युलेटर खरीदे जा रहे हैं। आगे चलकर इन्हीं सिम्युटेर्स पर ड्राइवरों का टेस्ट होगा। अगर कहीं से भी ऐसा लगता है कि ड्राइवर सेफ्टी के साथ ड्राइविंग नहीं कर पाएगा, तो उसे रिजेक्ट किया जाएगा।

ब्लैक लिस्ट ड्राइवर नहीं दे सकेंगे गच्चा
अभी अगर कोई ड्राइवर एक डिपो या क्लस्टर से निकाल दिया जाता है, तो वह दूसरे डिपो या क्लस्टर में जाकर नौकरी कर लेता है। इसे रोकने के लिए सभी बस ड्राइवरों का एक कॉमन पूल बनाया जा रहा है। अगर किसी ड्राइवर ने कहीं पर भी कोई वॉयलेशन किया है या उससे कोई एक्सिडेंट हुआ है और इस वजह से उसे किसी डिपो या क्लस्टर से ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है, तो यूनिफाइड डेटाबेस की मदद से अब उसके बारे में तुरंत जानकारी मिल जाएगी और वह बस ड्राइवर के रूप में किसी भी दूसरी जगह पर नौकरी नहीं कर पाएगा।

ब्रीद एनालाइजर से जांच जरूरी
बस ड्राइवरों को ड्रंकन ड्राइविंग से रोकने के लिए सभी डिपो में ब्रीद एनलाइजर लगाए जाएंगे। डिपो मैनेजर को ड्यूटी देने से पहले प्रत्येक ड्राइवर का ब्रीदिंग टेस्ट करना होगा। ड्राइवर के लिए यह टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। अगर कोई ड्राइवर शराब पीकर ड्यूटी पर आता है, तो इस जांच से पता लग जाएगा कि वह नशे की हालत में है और उसे ड्यूटी करने से रोका जा सकेगा।

सरकारी अस्पताल में मेडिकल चेकअप
सभी ड्राइवरों को नौकरी पर रखने से पहले उनका हेल्थ चेकअप किया जाता है। 45 साल के बाद हर 5 साल में ड्राइवरों का मेडिकल चेकअप होता है। अभी बस ऑपरेटर प्राइवेट डॉक्टर से भी मेडिकल चेकअप करा लेते थे, लेकिन अब सभी ड्राइवरों का मेडिकल चेकअप सिर्फ दिल्ली सरकार के अस्पतालों में होगा। इसके लिए हेल्थ विभाग ने 6 अस्पताल नॉमिनेट किए हैं, जहां डीटीसी और क्लस्टर बस ड्राइवरों को रेगुलर चेकअप के लिए भेजा जाएगा। सभी ड्राइवरों के लिए रिफ्रेशर कोर्स ज्वाइन करना भी अनिवार्य होगा। अगर कोई ड्राइवर कोर्स अटेंड नहीं करता है, तो उसे ड्यूटी नहीं दी जाएगी।

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