महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में फडणवीस सर्वेसर्वा, अध्यक्ष बावनकुले बेरोजगार, जानें क्या जिम्मेदारी मिली

मुंबई

विधानसभा चुनाव में सर्वेसर्वा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बनाए जाने के बाद बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को बेरोजगार अध्यक्ष का खिताब दिया जा रहा है। बीजेपी के लोग ही सवाल पूछ रहे हैं कि जब चुनाव से संबंधित सभी निर्णय फडणवीस ही लेंगे, तो अध्यक्ष बावनकुले क्या करेंगे ? वैसे बावनकुले को फडणवीस का काफी करीबी माना जाता है, लेकिन वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी दूर नहीं है। गौरतलब है कि गत दिनों बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में सभी सदस्यों ने विधानसभा चुनाव से संबंधित जैसे गठबंधन दलों से सीट बंटवारे पर बातचीत, उम्मीदवारों का चयन, चुनाव प्रचार, मैनिफेस्टो बनाने जैसे सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने का पूरा अधिकार देवेंद्र फडणवीस को दे दिया है। अब सवाल उठता है कि अध्यक्ष बावनकुले क्या काम करेंगे?

कायम है फडणवीस का दबदबा
बीजेपी के एक प्रमुख पदाधिकारी का कहना है कि फडणवीस के विरोधी उन्हें चाहे कितना भी कमजोर करने की कोशिश करें, फिर भी महाराष्ट्र की राजनीति में फडणवीस अपना दबदबा बनाए रखने में कामयाब रहे हैं और उनके वर्चस्व को कम से कम महाराष्ट्र में चुनौती देने वाला प्रदेश बीजेपी में अभी फिलहाल कोई नहीं है। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में जिस तरह से अन-अपेक्षित रिजल्ट आए, उसे लेकर फडणवीस को कटघरे में खड़ा किया गया था। फडणवीस ने अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए केंद्रीय नेतृत्व को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन अमित शाह ने उन्हें बने रहने के लिए कहा। उस वक्त बीजेपी का एक बड़ा समूह फडणवीस के साथ खड़ा नजर आया। कुछ विपक्षी दलों ने फडणवीस को महाराष्ट्र की राजनीति में चुका हुआ मान लिया था, लेकिन विधान परिषद के चुनाव में महायूति के सभी नौ उम्मीदवारों को जिताकर उन्होंने संदेश दिया कि वे विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।

बावनकुले से पहले रहे हैं मजबूत अध्यक्ष
बावनकुले से पहले महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील थे। पाटील से पहले रावसाहेब दानवे अध्यक्ष, और दानवे से पहले खुद देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष थे। फडणवीस के नेतृत्व में ही सन 2014 में विधानसभा के चुनाव लड़े गए और अध्यक्ष होने के नाते उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि उस वक्त महाराष्ट्र बीजेपी के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे प्रमुख प्रतिद्वंदी थे। खडसे को साइड कर फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया। फडणवीस ने अपनी सरकार में बावनकुले को महत्वपूर्ण ऊर्जा मंत्रालय दिया था, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। उस वक्त बावनकुले अपमान का घूंट पीकर रह गए जिसका पुरस्कार उन्हें कुछ महीनों के बाद विधान परिषद की सदस्यता के रूप में मिला। चंद्रकांत पाटील का प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद आश्चर्यजनक रूप से अगस्त 2022 में बावनकुले को महाराष्ट्र बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया। बावनकुले की कार्यकाल में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की सीटें 23 से घटकर सीधे 9 पर आ गई जिससे बावनकुले की अध्यक्षता पर सवाल उठने लगे। बावनकुले की अध्यक्षता पर लटकती तलवार फडणवीस के इस्तीफे की पेशकश से टल गई। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने आगामी विधानसभा चुनाव में सभी निर्णय फडणवीस को लेने का अधिकार देकर बावनकुले को एक रबर स्टांप अध्यक्ष बना दिया। पार्टी में किसी भी निर्णय के लिए फडणवीस की ओर देखा जा रहा है।

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