वाह रे अमेरिकी मेहमाननवाजी! एक ग्‍लास पानी मांगा, बना दिया 1,260 का बिल, भारत से तुलना कर धो डाला

नई दिल्‍ली:

बेंगलुरु के एक यूट्यूबर ने अमेरिका में फाइव-स्टार होटल में पानी की बोतल के लिए 1,260 रुपये का बिल चुकाया। इसके बाद भारतीय और अमेरिकी होटलों में मेहमाननवाजी को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ईशान शर्मा नाम के इस यूट्यूबर ने लास वेगास के एक होटल में अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्‍होंने कहा कि उन्हें भारत के होटलों की तुलना में अमेरिकी होटलों में मेहमाननवाजी का स्तर काफी कम लगा।

BITS पिलानी, गोवा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र ईशान शर्मा ने एक्‍स पर लिखा, ‘मेरा सबसे बड़ा कल्चर शॉक – अमेरिकी होटल। इन्हें मेहमाननवाजी समझ ही नहीं आती। मजेदार बात यह है कि ये टिप तो मांगते हैं, लेकिन मुफ्त में पानी तक नहीं देते।’

उन्होंने आगे बताया, ‘मैं फ्लाइट से थका हुआ रात 2 बजे होटल पहुंचा। एक गिलास पानी मांगा तो उन्होंने कहा कि 200 मिलीलीटर बोतल 14.99 डॉलर (लगभग 1,260 रुपये) की है आप उसे खरीद सकते हैं। यह 200 डॉलर (लगभग 16,800 रुपये) प्रति रात वाला होटल है! सहानुभूति का पूरी तरह से अभाव। अविश्वसनीय!’

सीजर्स पैलेस होटल में ठहरे शर्मा ने आगे बताया कि वह इससे पहले भी तीन, चार और पांच सितारा होटलों में रुक चुके हैं। अमेरिका के सभी होटलों में उनका अनुभव एक जैसा ही रहा है। उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि मैं भारत के ताज होटलों में रहकर बिगड़ गया हूं।’ शर्मा के इस पोस्ट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं, जिनमें से कुछ ने उनके विचारों का समर्थन किया तो कुछ ने असहमति जताई।

र‍िएक्‍शन की लगी बौछार
इन्फ्लुएंसर निक ग्रे (@nickgraynews) ने लिखा, ‘क्या कोई इस स्पष्ट बात पर ध्यान देगा… कि आप अमेरिकी होटलों में नल का पानी पी सकते हैं, लेकिन भारत में ज्‍यादातर जगहों पर नहीं पी सकते? इसलिए भारत में मुफ्त बोतलबंद पानी अनिवार्य और आवश्यक है। जबकि अमेरिका में एक होटल में बोतलबंद पानी आमतौर पर ‘फैंसी’ होता है।’ जब एक अन्य X यूजर ने उन्हें बताया कि शर्मा ने बोतल नहीं, बल्कि एक गिलास पानी मांगा था, तो ग्रे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह मजाक कर रहे हैं। ऐसा कोई तरीका नहीं है कि सीजर्स इतनी छोटी बोतल के पानी के लिए इतनी रकम वसूल रहा होगा।’

हालांकि, अन्य लोगों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय होटलों की मेहमाननवाजी अमेरिका और यूरोप के होटलों से कहीं बेहतर है। संजय लजार (@sjlazars) नाम के एक यूजर ने कहा, ‘ईशान, अमेरिका मेहमाननवाजी को अलग तरह से समझता है! चाहे वह हवाई जहाज हो, होटल हो, रेस्टोरेंट हो, जहाज हो आदि। ऐसा दशकों से चला आ रहा है। उनकी अवधारणा केवल बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की है। एशिया/भारत के विपरीत जहां हम एयरलाइनों, होटलों और इस तरह की अतिरिक्त चीजों के आदी हैं। आप अमेरिका में हर चीज के लिए भुगतान करते हैं। उनके नियम इतने कठोर हैं कि अधिकांश राज्यों (और हर कोई इसकी अपेक्षा करता है) में टिप देना कानून है, कैली, इलिनोइस, फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क कुछ ऐसे स्थान हैं जहां आप इसका अनुभव करते हैं।’

एक अन्य एक्‍स यूजर काशिफ अंसारी (@Perfi_X) ने कहा, ‘अमेरिकी मेहमाननवाजी के लिए एशिया आते हैं! आपको केवल दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में ही सबसे अच्छी लॉयल्टी पहचान मिलेगी और यह केवल ताज तक ही सीमित नहीं है। मैरियट, आईटीसी, एक्कोर भी हैं। लॉयल्टी पहचान के मामले में हयात सबसे अच्छा है।’

रोहित घुमारे (@ghumare64) ने लिखा, ‘भारतीय होटल यूरोपीय और अमेरिकी होटलों से 1000 गुना बेहतर हैं। हमें अतिरिक्त सेवाएं मिलती हैं। साथ ही यह सच है कि बाहर के होटल रोजाना पानी की बोतलें भी नहीं देते हैं।’

मेहमाननवाजी पर छ‍िड़ी बहस
इस घटना ने एक बार फिर इस बात पर बहस छेड़ दी है कि क्या अमेरिकी होटल मेहमाननवाजी के मामले में पीछे हैं या यह सिर्फ एक अलग संस्कृति है। जहां एक ओर कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिकी होटल अतिथियों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में कंजूसी करते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ का कहना है कि यह सिर्फ एक अलग नजरिया है।

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