मुंबई/जालना
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को चेतावनी दी कि सरकार चार दिन में मराठा समुदाय की मांगें पूरी कर दे, वरना महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव में उसे परिणाम भुगतने होंगे। जरांगे ने मंगलवार को मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था। पिछले एक साल से अधिक की अवधि में उनका यह छठा अनशन है। दो भूख हड़ताल में जरांगे की स्थिति काफी बिगड़ गई थी। एक बार उन्होंने मुंबई मार्च भी कर दिया था। जालना स्थित अपने गांव अंतरवाली सराटी में जरांगे कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो समुदाय राज्य में सत्तारूढ़ महायुति (शिवसेना-बीजेपी-एनसीपी) सरकार को माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगले चार दिन में हमारी मांगें पूरी करें, अन्यथा आपको चुनावों में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मराठा समुदाय के लोग आपको माफ नहीं करेंगे।
जरांगे की मांगे पर बोले महाजन
मराठा आंदोलनकारी मनोज जारांगे छठी बार अनशन पर बैठे हैं, लेकिन क्या इस बार उनकी मांगें मानी जाएंगी? बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने इस संबंध में सरकार की भूमिका बताई है। नांदेड़ में मीडिया से बातचीत में महाजन ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार केवल वही कर सकती है जो नियमों में है, हम इसके बाहर कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि अदालत में भी इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। हमारी ईमानदार इच्छा है। ईमानदार रुख है कि मराठा समुदाय आरक्षण मिलना चाहिए। युवा छात्रों को, बच्चों को आरक्षण का लाभ तो मिलना ही चाहिए। लेकिन हमें यह तय करना होगा कि इसे किस माध्यम से दिया जाए, अगर कोर्ट इसे खारिज करता है तो मुख्यमंत्री इस पर ध्यान दे रहे हैं इस पर ध्यान देते हुए, हमने पहले ही उन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है जो नियमों के अनुरूप होगा।