नई दिल्ली
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को मंगलवार को बवाना पुलिस थाने के बाहर उस समय रोक दिया गया, जब वह जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने के लिए जा रही थीं। वांगचुक को कल रात हिरासत में लिया गया था। वह अपने समर्थकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। आम आदमी पार्टी ने एक बयान में कहा कि आतिशी दोपहर करीब एक बजे पुलिस थाने पहुंचीं, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया।
सीएम ने उपराज्यपाल पर लगाए गंभीर आरोप
पुलिस द्वारा रोके जाने पर आतिशी ने एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा मैं सोनम वांगचुक जी और लद्दाख के 150 भाइयों-बहनों से मिलने बवाना थाने पहुंची। दिल्ली पुलिस ने मुझे मिलने नहीं दिया। बताया जा रहा है कि LG साहब का फोन आ गया कि चुने हुए मुख्यमंत्री से मिलने नहीं देना। यह तानाशाही ठीक नहीं है। सोनम वांगचुक जी और लद्दाख के लोग भी LG राज के खिलाफ लड़ रहे हैं, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं।
सीएम आतिशी ने आगे लिखा कि दिल्ली के लोग लद्दाख के लोगों के साथ खड़े हैं। लद्दाख में LG राज ख़त्म होना चाहिए, दिल्ली में भी LG राज खत्म होना चाहिए। लद्दाख और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित बवाना पुलिस थाने के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है। वांगचुक के समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया है, जिन्हें दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न पुलिस थानों में रखा गया है।
कौन हैं सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक एक प्रसिद्ध भारतीय अभियंता, नवाचारी, और शिक्षा सुधारक हैं। उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के अलची गांव में हुआ था। उन्होंने 1988 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की, जो लद्दाख के छात्रों के लिए शिक्षा सुधार और विकास के लिए काम करता है। सोनम वांगचुक को उनके कई आविष्कारों के लिए भी जाना जाता है, जैसे सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट और आर्टिफिशियल ग्लेशियर। वह जलवायु कार्यकर्ता भी हैं और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता देने की मांग कर रहे हैं।