झाँसी।
छठ महापर्व के चौथे दिन व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मईया की पूजा कर परिवार और समाज के मंगल की कामना की । झाँसी खैलार में स्थित भेल टाउनशीप में व्रती महिलाओं ने बडे विधि-विधान के साथ छठी मईया का पूजन किया । 7 नवंबर की शाम को सूर्यदेव के अस्त होने से पह्ले ही व्रती परिवार के लोग सिर पर प्रसाद की टोकरी रखकर नंगे पाँव भेल टाउनशीप में गेट न. 4 के पास स्थित जलकूंड के पास पहूँचे और उन्होंने जलकूड में दूध से अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया ।
अर्घ्य देने के बाद सभी व्रती परिवार अपने-अपने घर चले गये । आज 8 नवंबर को सुबह 4 बजे से व्रती छठ घाट पर पहूँचने लगे थे । उन्होंने एक बार फिर जलकूड में खडे होकर दूध से उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया । महिलाओं ने छठी मईया की पूजा कर आटे से बना ठेकुआ एवं प्रसाद अर्पित किया । पूजा समाप्ति के बाद व्रती परिवार के लोगों ने वहाँ उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया । भेल परिसर में छठ पूजा एवं प्रसाद वितरण की समुचित व्यवस्था भेल भोजपुरी समाज ने भेल प्रबंधन के साथ मिलकर किया । भेल भोजपुरी समाज पिछले 44 वर्षों से आस्था का महापर्व छठ बड़े धूम-धाम से मनाते आ रहा है ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विनय निगम, कार्यपालक निदेशक, भेल झाँसी अपने परिवार के साथ छठ घाट पर मौजूद रहे । साथ ही साथ इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में एस.पी. (सिटी झाँसी), उनके परिवार एवं एस.पी. (सदर) के परिवार भी शामिल हुए । इनके अलावा इस अवसर पर भेल के महाप्रबंधक एन.एन रमन, महाप्रबंधक बी.के. मांझी, अपर महाप्रबंधक मदन गोपाल, संजय कुमार, गीरिश राज एवं भेल भोजपुरी समाज के वरिष्ट सदस्यगण उपस्थित रहे । छठ पर्व का संचालन मुख्य रूप से भेल भोजपुरी समाज के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह, सचिव डी.के. सिंह एवं कोषाध्यक्ष बैजनाथ कुमार ने किया ।