मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के अपने आदेश को शुक्रवार को वापस ले लिया। राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने यह जानकारी दी। राज्य प्रशासन ने एक दिन पहले एक सरकारी प्रस्ताव जारी कर प्रदेश के वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये का फंड जारी करने का आदेश दिया था। यह पूछे जाने पर क्या 28 नवंबर के सरकारी प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है, सौनिक ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की।
कितनी रकम हुई थी ट्रांसफर
सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 2024-25 के वास्ते 20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई थी। इसमें से दो करोड़ रुपये बोर्ड को ट्रांसफर किये गए थे। विभाग को 23 अगस्त को लिखे पत्र के जरिए अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। उस पत्र के आधार पर गुरुवार को 10 करोड़ रुपये जारी किए गए। हालांकि अब रकम वापस ले ली गई है।
फडणवीस ने क्या कहा?
इस पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राज्य में जब कार्यवाहक सरकार थी तब वक्फ बोर्ड को फंड देने के संबंध में प्रशासन की ओर से सही तरीके से जीआर जारी नहीं किए जाने के कारण मुख्य सचिव ने तत्काल आदेश वापस ले लिया है। राज्य में नई सरकार आते ही इसके औचित्य और वैधानिकता की जांच कराई जाएगी। चूंकि मुख्य सचिव ने उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। ऐसे में जब राज्य में कार्यवाहक सरकार है तो वक्फ बोर्ड को धन आवंटन के संबंध में प्रशासन की ओर से जीआर जारी करना पूरी तरह से अनुचित है।
बीजेपी ने उठाए थे सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वक्फ भूमि के प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए थे। इससे पहले जून में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य वक्फ बोर्ड को 2 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। इसके बाद बाकी राशि बाद में जारी करने की बात कही थी। लेकिन, राज्य वक्फ बोर्ड को मिले इस रकम का विश्व हिंदू परिषद ने विरोध करते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया था।
वीएचपी ने किया था विरोध
वीएचपी के कोंकण डिवीजन सचिव मोहन सालेकर ने कहा था कि महायुति मौजूदा समय में वही काम कर रही है, जो कांग्रेस की सरकार ने भी नहीं किया। सरकार धार्मिक समुदाय की तुष्टिकरण कर रही है। इससे पहले, महाराष्ट्र चुनाव में मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की परवाह किए बगैर तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए। लेकिन, वक्फ के लिए कानून में कोई जगह नहीं दी गई।
वक्फ बोर्ड पर पीएम क्या बोले?
प्रधानमंत्री ने कहा था कि बाबासाहेब आंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, उसमें वक्फ कानून की कोई जगह नहीं है। कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए ये काम किया। कांग्रेस अब मौजूदा राजनीति में परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस की हालत अब ऐसी हो चुकी है कि उसके लिए अपने दम पर सरकार बनाना मुश्किल है।