भारत में मोबाइल यूजर्स के लिए सरकार की तरफ से सैटेलाइट नेटवर्क लाया जा रहा है। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की लिस्ट में एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेज़न की Kuiper भी शामिल है। इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य ऐसे इलाकों में भी इंटरनेट को पहुंचाना है जहां कोई नेटवर्क नहीं है। इसकी मदद से हर किसी के लिए इंटरनेट का एक्सेस हासिल करना आसान हो जाएगा। स्पेक्ट्रम की चर्चा भी बहुत लंबे समय से हो रही है। इसमें हर किसी का अपना स्टैंड है और हर कोई अपने हिसाब से इंटरनेट को कंट्रोल करना चाहता है।
Jio-Airtel से अलग से एलन मस्क की डिमांड
TRAI की तरफ से इस पूरी समस्या का हल पता लगाया जा रहा है। स्टेकहोल्डर्स के साथ भी ट्राई की लगातार बातचीत चल रही है। टेलीकॉम प्रोवाइडर्स की जानकारी पता की जा रही है। जियो और एयरटेल की तरफ से स्पेक्ट्रम अलॉट करने की बात कही जा रही है। जियो और एयरटेल चाहती है कि स्पेक्ट्रम अलॉट करने के लिए नीलामी का तरीका चुना जाएगा जबकि एलन मस्क इसके बिल्कुल उलट चाहते हैं। हालांकि अभी तक सरकार इसके बीच का रास्त निकालने की कोशिश कर रही है।
स्टारलिंक कर रहा है इंतजार
15 दिसंबर तक, TRAI की तरफ Department of Telecommunications को जानकारी दी जाएगी। इसमें तय किया जाएगा कि एलोकेशन किस प्रकार किया जाएगा। दिसंबर अंत तक कैबिनेट की तरफ से इस पर फैसला दिया जा सकता है। स्पेक्ट्रम भी इसके बाद एलोकेट किया जाएगा। इस बीच, स्टारलिंक की तरफ से तेजी से लॉन्च पर काम किया जा रहा है। अक्टूबर 2022 से स्टारलिंक की तरफ से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड की जा रही है। ऑफिशियल अप्रूवल का अभी इंतजार किया जा रहा है। स्टारलिंक की तरफ से बहुत तेजी से सर्विस दी जा रही है। कई देशों में कंपनी ने ऑपरेशन स्टार्ट भी कर दिया है।