अमरेली,
गुजरात के अमरेली में एक भाजपा विधायक को बदनाम करने की कथित कोशिश के आरोप में गिरफ्तार की गई एक महिला ने दावा किया है कि हिरासत में उसके साथ मारपीट की गई और सबके सामने परेड कराया गया. इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. पुलिस अधीक्षक संजय खरात ने सोमवार को बताया कि पायल गोटी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद स्थानीय क्राइम ब्रांच के तीन कर्मियों को लापरवाही के लिए जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है. हेड कांस्टेबल किशन अंसोदरिया, कांस्टेबल बजरंग मुलसिया और हिना मेवाड़ा को निलंबित कर दिया गया है.
छवि खराब करने का आरोप
गोटी उन चार लोगों में से एक है, जिन्हें कथित तौर पर अमरेली के विधायक कौशिक वेकारिया को बदनाम करने के इरादे से तालुका पंचायत अध्यक्ष के फर्जी लेटरहेड, हस्ताक्षर और मुहर का इस्तेमाल कर एक पत्र बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता मनीष वघासिया ने अमरेली तालुका पंचायत के अध्यक्ष शिकायतकर्ता किशोर कनपरिया के फर्जी लेटरहेड, हस्ताक्षर और स्टाम्प का इस्तेमाल कर विधायक की छवि खराब करने के इरादे से सोशल मीडिया पर संदेश फैलाया.
कई धाराओं में दर्ज हुआ मामला
कंप्यूटर ऑपरेटर पायल गोटी ने कनपरिया के लेटरहेड पर मैटर टाइप करने, उसे नकली लेटरहेड पर प्रिंट करने और व्हाट्सएप तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने से पहले उसे पीडीएफ फाइल में बदलने में मदद की. उन पर जालसाजी, गलत सूचना और मानहानि आदि से संबंधित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. जमानत मिलने के बाद, गोटी ने कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पुलिस पर मारपीट करने, मानदंडों का उल्लंघन करते हुए रात में गिरफ्तार करने और क्राइम स्पॉट के रीकंस्ट्रक्शन के नाम पर सबके सामने परेड कराने का आरोप लगाया.
विपक्षी कांग्रेस ने गोटी के साथ किए गए व्यवहार के लिए सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की और इसे ‘अमरेली की बेटी और पाटीदार समुदाय’ का अपमान बताया था. इस बीच, कांग्रेस नेता परेश धनानी और प्रताप दुधात को सोमवार को सूरत में उनके द्वारा गोटी के लिए न्याय की मांग को लेकर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन से पहले हिरासत में ले लिया गया.