इंदौर,
मध्य प्रदेश के इंदौर में 200 साल पुराने मंदिर में हुई एक शादी से विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. एक एजेंसी के मुताबिक शादी रविवार को शहर के राजबाड़ा इलाके में गोपाल मंदिर में हुई. केंद्र की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि समारोह के लिए मंदिर परिसर को सजाया गया था. इस दौरान यहां पर एक शादी हुई. इसके अलावा शादी में आए मेहमानों के लिए भोजन का भी आयोजन किया गया.
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि शादी की वजह से श्रद्धालुओं और आगंतुकों को असुविधा हुई व मंदिर के पास यातायात भी बाधित हुआ. इस शादी समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं, जिसमें लोग सवाल उठा रहे हैं कि शहर की विरासत का हिस्सा रहे मंदिर में शादी की अनुमति कैसे दी गई. सोशल मीडिया पर एक रसीद की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि राजकुमार अग्रवाल नामक व्यक्ति ने शादी के सिलसिले में इस मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था संस्थान श्री गोपाल मंदिर को 25551 रुपये का भुगतान किया.
सरकारी मुहर लगी रसीद पर 29 जुलाई 2024 की तारीख है. अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) को आदेश दिया गया है. इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने बताया कि 19वीं सदी के होलकर युग के गोपाल मंदिर का स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 13 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार किया गया है.
वहीं, इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि मंदिर का निर्माण राजमाता कृष्णा बाई होलकर ने 1832 में 80000 रुपये की लागत से करवाया था. अंसारी ने कहा कि गोपाल मंदिर धर्मार्थ गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र था, खासकर होलकरों के शासनकाल के दौरान. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मंदिर में एक विवाह समारोह आयोजित किया गया. इस तरह के आयोजन इस ऐतिहासिक धरोहर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.