बेंगलुरु ,
बेंगलुरु के चामराजपेट में उस वक्त तनाव फैल गया जब इलाके में तीन गायों के थन काटे जाने का मामला सामने आया. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 12 जनवरी की सुबह करीब 4:30 बजे एक राहगीर ने विनायकनगर के ओल्ड पेंशन मोहल्ले में गायों को खून से लथपथ देखा और उनकी देखभाल करने वाले डेयरी किसान कर्ण को इस बारे में सूचित किया. कर्ण ने बताया कि एक गाय का थन काटकर अलग कर दिया गया था, वहीं दो अन्य गायों के थन कटकर उनके शरीर से लटक रहे थे. गायों को पशु चिकित्सालय ले जाकर उनका उपचार कराया गया.
कर्ण ने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई. कॉटनपेट पुलिस ने बीएनएस की धारा 325 (किसी जानवर को चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया है. बेंगलुरु पश्चिम के डीसीपी एस. गिरीश ने बताया कि बीएनएस की धारा 325 के अंतर्गत आने वाले अपराध के लिए 5 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद गायों के थन काटने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी पहचान शेख नसरू (30) के रूप में हुई है. पुलिस ने आरोपी नसरू को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को क्या बताया?
पुलिस के मुताबिक आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह नशे में था. गायों ने गंदगी की थी, जिससे चिढ़कर उसने उनका थन काट दिया. डीसीपी एस गिरीश ने कहा, ‘आरोपी जहां गायें बांधी जाती हैं, वहां से 50 मीटर दूर एक दुकान में हेल्पर के रूप में काम करता है. जांच से पता चला कि आरोपी इस बात से नाराज था कि गायें हर दिन सड़क किनारे बंधती हैं और गंदगी करती हैं. उसने नशे की हालत में गायों के थन काट दिए. इस अपराध में कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं पाया गया. आरोपी बिहार के चंपारण जिले का रहने वाला है.’ हालांकि, गायों के मालिक कर्ण को आरोपी की बात पर विश्वास नहीं है.
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘यह जघन्य कृत्य अकेले व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है. इसमें एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं. दुकान मालिक को वहां गायें बांधने से भी दिक्कत थी. उसने और अन्य लोगों ने आरोपियों को इस हमले के लिए उकसाया होगा. दुकान के मालिक को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए.’ इस घटना के बाद हिंदुत्व संगठनों और भारतीय जनता पार्टी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उन्होंने इस घटना को ‘आतंकवादी हमला’ करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह जानबूझकर हिंदू समुदाय में डर पैदा करने के लिए किया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने इस जघन्य वारदात की निंदा की और आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
वारदात ने हिंदुओं को झकझोरा: BJP
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, ‘इस वारदात ने पूरे देश के हिंदुओं को झकझोर कर रख दिया है. कर्नाटक गाय की पूजा करने वाली भूमि है. यहां इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. यह वाकई चौंकाने वाला है. हमने प्रभावित परिवार से मुलाकात की. कांग्रेस सरकार के तुष्टिकरण की नीति से कर्नाटक में दिन-ब-दिन हालात खराब होते जा रहे हैं. हम गरीब परिवार के लिए न्याय और इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार अपराधी को कड़ी सजा देने की मांग करते हैं.’
भाजपा नेता और कर्नाटक विधानसभा में एलओपी आर. अशोक ने कहा, ‘यह जघन्य कृत्य जिहादी मानसिकता को दर्शाता है. अगर सरकार आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहती है तो हम ब्लैक संक्रांति मनाकर इसका विरोध करेंगे. कर्नाटक में संक्रांति पर्व पर गोवंश को सजाया और पूजा किया जाता है. इसका सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है. इस घटना के बाद हम संक्रांति कैसे मना सकते हैं.’ इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि पुलिस मामले की जांच करेगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.