नई दिल्ली,
केंद्र सरकार ने बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी है. अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. सरकार का कहना है कि इससे टैक्सपेयर्स को सालाना करीब 1 लाख करोड़ रुपये बचेंगे. उम्मीद की जा रही है कि आम आदमी की जेब में जब ज्यादा पैसा बचेगा, तो उससे बाजार में खपत बढ़ेगी. खासकर, नॉन फूड प्रॉडक्ट्स में ऑटो, FMCG, हेल्थकेयर, टेक्सटाइल सेक्टर और फूड प्रॉडक्ट्स में प्रोसेस्ड फूड और बेवरेज इंडस्ट्री को बड़ा फायदा मिलने वाला है.
इनकम टैक्स में राहत के पीछे ये प्लान
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ये राहत आने वाले बरसों में अर्थव्यवस्था को 3.3 लाख करोड़ रुपये की खपत बढ़ाने में मदद करेगी, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और बाजार में पैसा घूमेगा. इस बढ़ी हुई खपत से सरकार को भी बड़ा फायदा होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी कलेक्शन में इससे 40 हजार करोड़ रुपये का इजाफा होने की उम्मीद है.
इसका सीधा फायदा राज्यों को मिलेगा जिनकी आमदनी में 28 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है. एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस राहत का सीधा फायदा एफएमसीजी, हेल्थकेयर, ऑटोमोबाइल और एंटरटेनमेंट सेक्टर्स को होगा. इससे इन सेक्टर्स में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 1 फीसदी तक की बढ़ोतरी की संभावना है. जिससे जीडीपी को भी 0.6 परसेंट तक बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
सिस्टम में लिक्विडिटी का होगा इजाफा
आइए अब जान लेते हैं कि इस राहत से बचने वाली रकम के बाद खर्च होने वाले संभावित 3.3 लाख करोड़ रुपये में से कितनी रकम कहां खर्च होगी. रिपोर्ट के मुताबिक 1.99 लाख करोड़ रुपये नॉन फूड प्रॉडक्ट्स पर जबकि 1.30 लाख करोड़ रुपये फूड प्रॉडक्ट्स पर खर्च किए जाएंगे.
आइए, अब एक नजर डालते हैं कि किन सेक्टर्स पर कितना खर्च होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि खाद्य पदार्थों में सबसे ज्यादा 37 हजार 257 करोड़ रुपये प्रोसेस्ड फूड और बेवरेज सेक्टर पर खर्च होने की उम्मीद है.
वहीं वाहनों पर करीब 28 हजार करोड़, ड्यूरेबल गुड्स पर साढ़े 22 हजार करोड़ से ज्यादा, कपड़ों पर करीब 16 हजार करोड़, फुटवियर पर करीब 2900 करोड़, मेडिकल पर लगभग 13 हजार करोड़ रुपये, पान-गुटका पर करीब 8 हजार करोड़, फ्यूल और लाइट पर करीब साढ़े 18 हजार करोड़, टॉयलेट और घरेलू सामानों पर करीब 17 हजार करोड़, शिक्षा पर करीब 19 हजार करोड़, कंज्यूमर आइटम्स पर लगभग 19 हजार करोड़, एंटरटेनमेंट पर करीब 6 हजार करोड़ और रेंट पर साढ़े 21 हजार करोड़ से ज्यादा रकम खर्च होने का अनुमान है.
जाहिर है कि इनकम टैक्स में दी गई राहत केवल बचत नहीं बल्कि बाजार में पैसा घुमाने का जरिया भी बनेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और कई सेक्टर्स में ग्रोथ देखने को मिलेगी.