कानपुर
यूपी के कानपुर में आईआईटी पीएचडी छात्रा ने पुलिस विभाग में एसीपी पर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़ित छात्रा ने बीते 12 दिसंबर 2024 को कल्यानपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद एसीपी मोहसिन खान को डीजीपी कार्यालय से अटैच कर दिया था। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। शासन ने रिपोर्ट को संज्ञान लेते हुए एसीपी मोहसिन खान को सस्पेंड कर दिया है।
पीड़ित छात्रा ने डीजीपी प्रशांत कुमार को ई-मेल कर पत्र लिखा था। पीड़िता ने मेल में खुद को असहाय बताते हुए लिखा था कि वह ऐसी व्यवस्था में न्याय की मांग कर रही है, जिसने उन्हें निराश किया है। पीड़ित छात्रा आगे लिखती है कि मैं समझती हूं कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में आप की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मेरे पास सीधे आपसे अपील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मेरे मामले में मजबूत सबूतों के बाद भी व्यवस्थागत देरी और कई स्तरों पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
अरेस्टिंग स्टे लिया था
इसके बाद मोहसिन खान को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। अटैच होने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। 19 दिसंबर 2024 को उसने हाईकोर्ट से स्टे लेकर चार्जशीट तक गिरफ्तारी पर रोक लगवा दी थी। छात्रा का कहना है कि 20 मार्च को मामले की सुनवाई होनी है। मैं अपना पक्ष मजबूती से रखूंगी, ताकि अरेस्टिंग और चार्जशीट पर स्टे को खारिज कराया जा सके।
एसीपी को निलंबित करने की मांग
एसीपी शादीशुदा होते हुए भी अवैध संबंधों में लिप्त रहा। पीड़िता ने मेल के साथ आरोपी की रिट को अटैच करते हुए बताया था कि आरोपी ने अपनी याचिका में स्वीकार किया है कि रिश्ता आपसी सहमति से था। इसके साथ ही दोनों बालिग थे। शादीशुदा होकर भी पुलिस अधिकारी का इस तरह का व्यवहार करना गलत है। यह कृत्य तत्काल विभागीय जांच अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करता है। छात्रा ने डीजीपी से निलंबित करने की मांग की है।
विभागीय कार्रवाई की तैयारी
मोहसिन खान सस्पेंड होने के बाद भी डीजीपी कार्यालय लखनऊ से अटैच रहेंगे। सस्पेंशन का लेटर कानपुर कमिश्नरेट को फारवर्ड किया जाएगा। इसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू होगी। जिसमें दंडनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। एसीपी ने 16 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी। मोहसिन खान का केस पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के वकील इरफानउल्लाह और विक्रम सिंह लड़ रहे हैं।
इस वजह से लगी थी गिरफ्तारी पर रोक
मोहसिन खान के वकील ने पक्ष रखने हुए कहा था कि एक साल पहले मोहसिन खान ने पत्नी को तलाक का नोटिस भिजवाया था। जिसका मामला न्यायलय में विचाराधीन है। इसके साथ ही कोर्ट मैरिज से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट भी पेश किया था। पीड़ित छात्रा की वेस्ट बंगाल निवासी साइंटिस्ट से शादी होने का दावा किया था। मैरिज से जुड़े दस्तावेजों में छात्रा के हस्ताक्षर भी थे। लेकिन मैरिज रजिस्ट्रेशन का कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इन्हीं तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।