मुंबई
महायुति की सरकार की महत्वाकांक्षी शक्तिपीठ महामार्ग के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। उनका साथ विपक्षी दल दे रहे हैं। बुधवार को किसानों ने आजाद मैदान पर विरोध प्रदर्शन कर चेताया है कि शक्तिपीठ महामार्ग के खिलाफ सभी 12 जिलों के किसान सड़क पर उतरेंगे। अगली रणनीति बनाने के लिए 8 अप्रैल को लातूर जिले में बैठक बुलाई है। उधर, किसान जिस वक्त आजाद मैदान पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उस वक्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधान भवन परिसर में शक्तिपीठ महामार्ग के फायदे-नुकसान गिना रहे थे। वे बता रहे थे कि शक्तिपीठ महामार्ग महाराष्ट्र के लिए कितना जरूरी है?
किसानों को किसका समर्थन?
आजाद मैदान पर प्रदर्शन करने वालों का साथ देने के लिए कांग्रेस, उद्धव सेना आए। नेता और किसानों ने शक्तिपीठ महामार्ग के खिलाफ सरकार की जमकर आलोचना की। एक सुर में शक्तिपीठ महामार्ग को रद्द करने की मांग की। बाद में शक्तिपीठ महामार्ग विरोधी संघर्ष समिति के समन्वयक गिरीश फोंडे ने कहा कि शक्तिपीठ महामार्ग की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि जहां से महामार्ग बनाया जा रहा है उसके समानांतर ही दूसरा मार्ग है, फिर नए मार्ग की कोई आवश्यकता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसानों ने तय किया है कि महामार्ग बनाने के लिए जो अधिकारी सर्वे करने के लिए आएगा उसकी अच्छे से खबर लेंगे। उसे सर्वे नहीं करने देंगे। हम अपने बाप, दादाओं और पुरखों की जमीनों सरकार को नहीं लेने देंगे।
शिंदे से की बात
आजाद मैदान पर प्रदर्शन करने के लिए आए आंदोलनकारियों ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से संपर्क किया। शिंदे ने उन्हें संदेश दिया कि कैबिनेट मंत्री प्रकाश आबिटकर उनसे मिलने आएंगे। इस पर किसानों ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि कैबिनेट मंत्री आबिटकर के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि उन्हें नहीं भेजे। फिलहाल विरोध करने वालों ने अपने कड़े तेवर दिखा दिया है।
शक्तिपीठ महामार्ग से महाराष्ट्र का समग्र विकास होगा
किसान जिस वक्त आजाद मैदान पर विरोध प्रदर्शन कर रहा था उस वक्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधान भवन परिसर में शक्तिपीठ महामार्ग के फायदे-नुकसान गिना रहे थे। वे बता रहे थे कि शक्तिपीठ महामार्ग महाराष्ट्र के लिए कितना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस महामार्ग के बनाए जाने के बाद मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र में औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जैसे समृद्धि महामार्ग ने 12 जिलों का जीवन बदल दिया, वैसे ही शक्तीपीठ हाईवे भी बड़ा बदलाव लाएगा। यह हाईवे सुविधाजनक और तेज यातायात व्यवस्था स्थापित करेगा, जिससे व्यापार और उद्योगों को लाभ मिलेगा।
किसानों का समर्थन और चर्चा
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि दावा किया कि कोल्हापुर जिले के कई किसानों ने शक्तिपीठ महामार्ग के लिए स्वेच्छा से भूमि देने की इच्छा जताई है। कोल्हापुर हवाई अड्डे पर 1,000 से अधिक किसानों ने एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें हाईवे के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि हम किसानों की समस्याओं को समझने के लिए चर्चा करेंगे और उनका समाधान निकालेंगे। लेकिन यह हाईवे महाराष्ट्र के विकास के लिए बहुत आवश्यक है और इसे हर हाल में बनाया जाएगा।
ग्रीनफील्ड हाईवे का महत्व
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड हाईवे उन क्षेत्रों के विकास के लिए एक सही कदम है, जिन्हें अब तक उपेक्षित रखा गया था। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी को उद्धृत करते हुए कहा कि अमेरिका अमीर है क्योंकि वहां अच्छी सड़कें हैं। इसी तरह, हम महाराष्ट्र का विकास बेहतर बुनियादी ढांचे से सुनिश्चित करेंगे मुख्यमंत्री फडणवीस ने शक्तीपीठ हाईवे के लाभ गिनाते हुए कहा कि शक्तिपीठ मंदिर और औद्योगिक केंद्र आपस में जुड़ेंगे। मराठवाड़ा, विदर्भ और कोंकण के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। यातायात सुविधाएं तेज और सुगम बनेंगी। सप्लाई चेन मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर बनेंगे। किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्तिपीठ महामार्ग केवल एक सड़क नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है